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'Rising North East Investors summit' में बोले केंद्रीय मंत्री चौधरी जयंत सिंह, मिजोरम पर कर दिया बड़ा ऐलान

मिजोरम बना भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य, जयंत चौधरी ने ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट’ में की तारीफ। शिक्षा, कौशल और मातृभाषा आधारित नीति से पूर्वोत्तर बना ‘कुशल भारत’ की रीढ़।

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Ajit Kumar Pandey
WEST UP JAYANT CHAUDHARY
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तर पूर्व की धरती पर एक नई क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। जहां कभी बुनियादी सुविधाओं की बात होती थी, अब शिक्षा और कौशल की चर्चा है। मिजोरम ने हासिल किया ऐतिहासिक मुकाम- भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य। केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा- अब वहां की पीढ़ी बन रही है ‘कुशल भारत’ की रीढ़। राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट में खुले नए अवसरों के दरवाजे।

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केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने दिल्ली में आयोजित ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में मिजोरम को भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किए जाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि 90% से अधिक साक्षरता दर यह दर्शाती है कि पूर्वोत्तर में शिक्षा, कौशल विकास और मातृभाषा आधारित शिक्षण प्रणाली ने जमीनी बदलाव लाया है। यह 'कुशल भारत' की दिशा में एक ठोस कदम है।

पूर्वोत्तर में शिक्षा और कौशल का नया सूर्योदय

कभी पूर्वोत्तर भारत को मुख्यधारा से दूर माना जाता था, लेकिन अब वह देश के विकास मॉडल का अग्रदूत बन चुका है। राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि पूर्वोत्तर में कौशल विकास की संभावनाएं जमीनी स्तर तक फैल चुकी हैं और अब वहां के युवा भारत की नई अर्थव्यवस्था का मजबूत हिस्सा बन रहे हैं।

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90% से ऊपर साक्षरता दर-मिजोरम का ऐतिहासिक रिकॉर्ड

जयंत चौधरी ने खास तौर पर मिजोरम राज्य का उदाहरण दिया, जो अब भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उस मेहनत और संकल्प का प्रतीक है जो वहां की सरकार और समाज ने मिलकर किया है।

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एनईपी और मातृभाषा-बदलाव की असली कुंजी

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति (NEP) में क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता देने का असर अब साफ दिख रहा है। बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा मिलने से उनकी सीखने की क्षमता में सुधार हुआ है। पूर्वोत्तर राज्यों में यह नीति बेहद कारगर साबित हो रही है।

‘कुशल भारत’ की नींव रखता पूर्वोत्तर

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जयंत चौधरी का कहना था कि आज का पूर्वोत्तर केवल पर्यटन और सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि कौशल विकास, शिक्षा सुधार और नवाचार के लिए भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारत को ‘कुशल भारत’ बनाने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ा रहा है।

समिट से खुले निवेश और विकास के नए रास्ते

‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में कई निजी कंपनियों और सरकारी संस्थानों ने भाग लिया। इस समिट का मकसद पूर्वोत्तर भारत को निवेश के लिए तैयार बनाना और युवाओं को रोजगार दिलाना था। जयंत चौधरी ने विश्वास जताया कि ये प्रयास वहां के आर्थिक और सामाजिक भविष्य को मजबूती देंगे।

क्या आप मानते हैं कि पूर्वोत्तर भारत अब नए भारत की दिशा तय कर रहा है?

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