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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःगुजरात की साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई ने अब तक अपने हमकदम रहे गोल्डी बरार से रास्ता अलग कर दिया है। दोनों अब साथ नहीं हैं और ये चीज भारत की सुरक्षा एजेंसियों को परेशानी में डाल रही है। सूत्रों का कहना है कि दोनों के अलग हो जाने के बाद अब उनके सिंडिकेट में सेंध लगाना उतना आसान नहीं रहने वाला है। अब तक गोल्डी के जरिये ही भारतीय एजेंसियां लारेंस के सिंडिकेट को तोड़ने में लगी थीं। एजेंसियों की चिंता ये भी है कि कहीं दोनों गैंग आपस में सिर फुटौव्वल न करने लग पड़ें। लारेंस को फिलहाल गुजरात की जेल में रखा गया है जबकि गोल्डी बरार के अमेरिका में होने का अंदेशा है।
गोल्डी बरार से बेहद खफा है लारेंस
एक रिपोर्ट कहती है कि लारेंस और गोल्डी बरार के बीच गहरा याराना था। बात चाहें सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की हो या फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ठिकाने लगाए गए बाबा सिद्धकी की। गोल्डी हर मौके पर लारेंस के लिए सीना खोलकर खड़ा था। दोनों के बीच तनातनी तब से शुरू हुई जब लारेंस के भाई अनमोल को अमेरिकन पुलिस ने धर दबोचा। 25 साल के अनमोल को 2024 में अमेरिका में अरेस्ट किया गया था। वो फर्जी दस्तावेज लेकर एयरपोर्ट पर गया था, तभी उसे इमीग्रेशन अफसरों ने अरेस्ट करा दिया।
भाई अनमोल के लिए नहीं जुटाए थे बेल बांड्स
बात यहां तक ठीक थी लेकिन जब अनमोल को जमानत पर छुड़ाने की बात आई तो गोल्डी बरार और सचिन गोदारा ने अपने कदम पीछे खींच लिए। अनमोल के लिए बेल बांड जुटाए जाने थे पर गोल्डी और सचिन पीछे हट गए। हालांकि अनमोल को बेल मिल गई पर अमेरिकी एजेंसियों ने उसके घुटने में एक ट्रैकर लगा दिया। इसके बाद से लारेंस तमतमाया है गोल्डी बरार पर।
नोनी से मिला लारेंस तो गोल्डी ने रोहित का पकड़ा हाथ
रिपोर्ट कहती है कि अब दोनों एक साथ नहीं हैं। गोल्डी ने अजरबैजान में बैठे रोहित गोदारा से हाथ मिला लिया है जबकि लारेंस ने कनाडा बेस नोनी राणा के साथ जुगलबंदी कर ली है। एजेंसियों का कहना है कि नोनी राणा (सूर्यप्रताप) यमुनानगर के बदमाश वीरेंद्र प्रताप का भाई है। वो कनाडा और अमेरिका से लारेंस के नाम पर उगाही कर रहा है। दोनों के बीच खटपट पर तब मुहर लगी जब कनाडा में गोल्डी बरार और गोदारा की टीम ने कनाडा में बिजनेसमैन हरजीत सिंह को मार दिया। हत्या के बाद सोशल मीडिया पर जो पोस्ट डाली गई उसमें लारेंस का नाम नहीं था। जबकि पहले के दौर में गोल्डी बरार हर वारदात के लिए लारेंस को श्रेय देता था।
लारेंस ने गोल्डी के साथ मिलकर बनाया था पहला गैंग
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक लारेंस जब अपराधी बना तो उसकी टीम में गोल्डी बरार और काला राणा शामिल थे। तीनों के बीच खासी दोस्ती थी। एक दूसरे के लिए तीनों जान न्योछावर करते थे। उसके बाद लारेंस धीरे धीरे बड़ा होता चला गया। उसने क्राइम वर्ल्ड में बिजनेस की तरह से एक सिंडिकेट खड़ा कर दिया। उसने अलग अलग सूबों में मजबूत गैंगस्टर्स से हाथ मिलाए। हरियाणा में काला जठेड़ी, यूपी में धनंजय सिंह, पंजाब में जग्गू भगवानपुरिया, राजस्थान में रोहित गोदारा और दिल्ली में रोहित मोई और हाशिम बाबा को अपने सिंडिकेट का हिस्सा बनाया। पहले वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी हरकतें देखकर उसे गुजरात की साबरमती जेल में शिफ्ट कर दिया। माना जता है कि वो जेल से ही आपरेट करता है। crime news | Indian Crime News | Lawrence Bishnoi gang not present in content
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