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Sambhal violence: पहचान बताएं, इनाम पाएं, पुलिस ने उपद्रवियों के पोस्टर लगा तेज की तलाश

संभल हिंसा के 74 ऐसे उपद्रवियों की पहचान की जानी है। सीसीटीवी के माध्यम से इनका घटना में संलिप्त होना पाया गया है। इस कारण इनकी तस्वीरें चस्पा की जा रही हैं।

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Mukesh Pandit
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पुलिस ने दीवार पर लगाए हिंसा के आरोपियों के पोस्टर। Photograph: (IANS)

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संभल, आईएएनएस।

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उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा में शामिल 74 उपद्रवियों के पोस्टर पुलिस ने जगह-जगह लगाए हैं। पोस्टर लगवाने के लिए एसपी और एएसपी खुद मौके पर मौजूद रहे। एएसपी श्रीशचंद्र ने बताया कि संभल हिंसा के 74 ऐसे उपद्रवियों की पहचान की जानी है। सीसीटीवी के माध्यम से इनका घटना में संलिप्त होना पाया गया है। इस कारण इनकी तस्वीरें चस्पा की जा रही हैं, जिससे इनकी पहचान हो सके और इनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। इनके पोस्टर संभल के सभी सार्वजनिक स्थानों में चस्पा किए जाएंगे। जो इनकी पहचान करेगा, उसे उचित पुरस्कार भी दिया जाएगा। उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।

पुलिस चला रही है पहचान के लिए अभियान

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संभल हिंसा के बाद से पुलिस लगातार वीडियो और तस्वीरों के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें जेल भेज रही है। कुछ ऐसे लोग हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पा रही है, लेकिन वे लोग भीड़ के बीच मौजूद थे। उनकी पहचान के लिए पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं। गत 24 नवंबर को संभल के जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग भी की थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे। कुछ लोगों की जान भी चली गई थी। इस दौरान हिंसा से जुड़े वीडियो के आधार पर कई गिरफ्तारियां भी की गई हैं। इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर चिपकाए हैं, जिससे उनकी पहचान हो सके।

कैसे भड़की था हिंसा

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24 नवंबर को संभल मस्जिद में सर्वे के दौरान माहौल अचानक बिगड़ गया था। भारी संख्या में जुटे लोगों ने पुलिस पर जबरदस्त पथराव किया और आगजनी को अंजाम दिया। इस हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई थी, जबकि कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। हालांकि, पुलिस ने गोली चलाने से इनकार किया था। इस मामले में अब तक 76 आरोप जेल जा चुके हैं। लेकिन अभी भी कई आरोपी ऐसे हैं, जो फरार है।

उनकी पहचान के लिए पुलिस लगातार अभियान चल रही है। गुरुवार को पुलिस ने शहर के सार्वजनिक स्थानों पर आरोपियों के पोस्टर चिपकाए थे, लेकिन रात में अराजक तत्वों ने कई पोस्टरों को फाड़ दिया। शुक्रवार सुबह पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो तुरंत उन इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं पोस्टर फाड़ने वाले ही तो हिंसा के आरोप तो नहीं।

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