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DELHI ELECTION
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली के बवाना विधान सभा की बात करें तो ग्रामीण एवं झुग्गी-झोपड़ी बस्ती होने के नाते ज्यादातर ये सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व रहती है।
2025 को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। बीजेपी जहां 10 साल बाद सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने को तैयार है। AAP इस सीट से लगातार दो बार से जीत हासिल कर रही है। इस बार जहां आम आदमी पार्टी ने अपने विधायक जय भगवान को उतारा है, वहीं भाजपा में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस ने सुरेन्द्र कुमार को मैदान में उतारा है।
बवाना सीट का ऐतिहासिक सियासी सफर
नॉर्थ दिल्ली जिले के तहत आने वाली बवाना विधानसभा सीट पर 1993 से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस सीट पर कुल 7 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 1993 के पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चांद राम ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 1998 के चुनाव में कांग्रेस के सुरेंद्र कुमार ने बाजी मारी और यहां पर लगातार तीन बार जीत का सिलसिला जारी रखा। 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री के बाद दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव आया। AAP ने दिल्ली विधानसभा में जबरदस्त प्रदर्शन किया। हालांकि, बवाना सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहा। फिर 2015 में AAP ने अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जीत की हैट्रिक बनाई।
बवाना उपचुनाव में AAP की जीत का अंतर घटा
2017 में बवाना में उपचुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी के वेद प्रकाश ने भाग लिया, जबकि AAP ने राम चंदर को मैदान में उतारा। AAP ने इस उपचुनाव में 24,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की, लेकिन यह जीत 2015 की तुलना में कमतर रही, जब AAP ने 50,000 से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। .
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