नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है, 27 साल का सूखा झेलने के बाद बीजेपी सत्ता में लौटी है। लेकिन इस जीत के बीच उत्तराखंड के दो ऐसे नेता चर्चा में हैं जिनकी जीत बीजेपी के दूसरे नेताओं की जीत से कहीं बड़ी नजर आ रही है। इन दो नेताओं में एक नेता वो है जिनका पैर पीएम मोदी ने तीन बार छुआ तो वहीं दूसरा नेता वो रहा जिसने मुस्लिम बहुल इलाकों में बीजेपी को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की। तो चलिए आपको बताते हैं उन नेताओं के बारे में।
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रविन्द्र नेगी
रविन्द्र नेगी वही भाजपा उम्मीदवार हैं जिनके पैर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन बार छुए थे। आपको बता दें कि रविन्द्र नेगी ने दिल्ली के पड़पड़गंज विधानसभा क्षेत्र में बड़ी जीत हासिल की है। आपको बता दें कि रविन्द्र नेगी ने हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए मशहूर शिक्षक अवध ओझा को हराया है।
पड़पड़गंज विधानसभा सीट पर नेगी ने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा और उन्हें 74060 वोट मिले, जिसमें से उन्होंने 28072 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि दूसरे स्थान पर रहे उनके प्रतिद्वंद्वी अवध ओझा को 45980 वोट मिले और कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार को मात्र 16549 वोट मिले।
आपको बता दें कि चुनाव से पहले रविन्द्र नेगी और प्रधानमंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के पैर छुए थे और जवाब में प्रधानमंत्री ने तीन बार उनके पैर छुए थे।
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मोहन सिंह बिष्ट
इस बार दिल्ली की सबसे मुश्किल सीट मुस्तफाबाद सीट से बीजेपी ने अपने वरिष्ठ और अनुभवी नेता मोहन सिंह बिष्ट को मैदान में उतारा था। बिष्ट ने पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया और पूरी ताकत से चुनाव लड़ा, नतीजा यह रहा कि उन्हें चुनाव में बड़ी जीत मिली। आपको बता दें कि बिष्ट पहले लकड़वाल नगर से विधायक थे, लेकिन उनकी ही विधानसभा से कपिल मिश्रा को मौईदान में उतारा गया और बिष्ट को मुस्तफाबाद विधानसभा से टिकट मिला।
बिष्ट की जीत की मुख्य वजह यह है कि मुस्तफाबाद में 39.5% मुस्लिम मतदाता हैं, जिन्हें आमतौर पर बीजेपी का वोटर नहीं माना जाता। ऐसे में उनके लिए AIMIM बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हो गई, जिसने वहां से आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया। वहीं, आम आदमी पार्टी ने वहां से आदिल अहमद खान को अपना उम्मीदवार बनाया था।
मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की राजनीति के अनुभवी नेता माने जाते हैं, उन्होंने 1998 में करावल नगर सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था और 2028 तक वहां जीतते रहे, हालांकि 2015 में उन्हें कपिल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा था। जब कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि करावल नगर से टिकट न मिलने पर बिष्ट पार्टी से नाराज दिखे थे, लेकिन बाद में वह चुनाव प्रचार के लिए उतर आए।
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