नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली है। रामलीला मैदान में रेखा गुप्ता के साथ 6 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा समेत भाजपा के तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए। रेखा गुप्ता के सीएम बनते ही 27 सालों बाद नई दिल्ली विधानसभा सीट का मिथक टूट गया है।
27 पुरानी परंपरा टूटी!
रेखा गुप्ता शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं और अब मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। दिल्ली में 27 सालों तक लगातार नई दिल्ली विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री बना है। शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से ही विधायक थे और मुख्यमंत्री बने थे। ऐसे में शालीमार बाग विधायक के सीएम बनने से 27 साल पुरानी ये परंपरा टूट गई है।
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नई दिल्ली सीट और सीएम की कुर्सी
1998 से 2013 तक नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का कब्जा रहा। शीला दीक्षित 1998, 2003 और 2008 में नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक बनीं थीं। वे लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री भी बनी। इसके बाद 2013 से 2025 तक नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल का कब्जा रहा। केजरीवाल पहली बार 2013 में शीला दीक्षित को हराकर नई दिल्ली सीट से विधायक बने, और फिर मुख्यमंत्री बने। अरविंद केजरीवाल 2013, 2015 और 2020 में नई दिल्ली विधानसभा से विधायक चुने गए थे और सीएम पद पर रहे।
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प्रवेश वर्मा सीएम बनते तो नहीं टूटता मिथक
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को शिकस्त दी है। केजरीवाल को हराकर प्रवेश वर्मा दमदार नेता के तौर पर उभरे हैं। प्रवेश वर्मा सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। चर्चाएं थीं कि केजरीवाल को हराने के इनाम के तौर पर उन्हें मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर भाजपा ने सबको चौंका दिया है। अगर प्रवेश वर्मा सीएम बनते तो नई दिल्ली सीट से सीएम बनने का मिथक कायम रहता।
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