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Delhi Election 2025: मुंडका विधानभा में है कांटे की टक्कर, लुभावने वादों पर भारी पड़ेंगे जातिगत समीकरण!

Mundka Assembly Seat: दिल्ली की मुंडका विधानसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। मुंडका विधानसभा के जातिगत समीकरण चुनावी मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना रहे हैं, आइए जानते हैं कि किसका पलड़ा भारी है। 

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Pratiksha Parashar
MUNDKA VIDHANSABHA SEAT

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

Mundka Assembly Seat: दिल्ली की मुंडका विधानसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस विधानसभा की जनता हर बार बदलाव के मूड में रहती है और नया विधायक चुनती है। 2020 में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी धर्मपाल लाकड़ा ने मुंडका सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार वे कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। मुंडका विधानसभा के जातिगत समीकरण चुनावी मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना रहे हैं, आइए जानते हैं कि यहां किसका पलड़ा भारी है। 

मुंडका विधानसभा का मुकाबला

मुंडका विधानसभा से आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक धर्मपाल लाकड़ा का टिकट काट दिया था, जिससे नाराज होकर उन्होंने आप को अलविदा कह दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस ने लाकड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने जसवीर कराला को मैदान में उतारा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने गजेंद्र दलाल को प्रत्याशी बनाया है।

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मुंडका में जातिगत फैक्टर निभाता है अहम भूमिका

मुंडका विधानसभा जाट बहुल क्षेत्र है। जाट वोटर इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा अन्य समुदायों का भी खासा प्रभाव है। मुंडका विधानसभा क्षेत्र में एससी वोटर  23.8% ,  मुस्लिम वोटर 8% ,  ब्राह्मण वोटर 6.7%  और बनिया वोटर 5.8%  हैं। ऐसे में जातिगत फैक्टर सियासी लिहाज से बेहद अहम हैं। खास बात ये है कि इस बार दिल्ली के चुनाव में जाट आरक्षण का मुद्दा भी गूंज रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जातिगत समीकरण से चुनावी नतीजों पर कितना असर पड़ता है।

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किसका पलड़ा है भारी?

कांग्रेस प्रत्याशी धर्मपाल लाकड़ा की जाट समुदाय में मजबूत पैठ है, जिसका फायदा उन्हें चुनावों में मिल सकता है। वहीं वे सिटिंग विधायक हैं, ऐसे में एंटी इंकमबेंसी की वजह से नुकसान भी हो सकता है। भाजपा प्रत्याशी की ग्रामीण इलाकों में मजबूत पैठ है, जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा और ग्रामीण इलाकों से लीड मिल सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाया है, जिसका फायदा आप प्रत्याशी को मिल सकता है। ऐसे में तीनों ही प्रत्याशयों के पक्ष और विपक्ष में फैक्टर हैं और कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। अब देखना होगा कि कौन बाजी मारता है। 

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दिल्ली चुनाव 2025
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