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Rohini Vidhansabha Seat: दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते सियासी सरगर्मी चरम पर है। रोहिणी विधानसभा का नाम दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है और कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा के दिग्गज नेता विजेंद्र सिंह रोहिणी सीट से तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं, ऐसे में भाजपा हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही हैं और अपनी जीत के लिए पूरा दम लगा रही हैं।
किसके बीच है मुकाबला?
भाजपा के दिग्गज नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता एक बार फिर रोहिणी सीट से चुनावी मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने विजेंद्र गुप्ता को टक्कर देने के लिए प्रदीप मित्तल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर सुमेश गुप्ता पर दांव लगाया है। तीनों प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, ऐसे में देखना होगा कि आखिर में कौन बाजी मारता है।
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रोहिणी विधानसभा के सियासी समीकरण
रोहिणी विधानसभा 2008 में अस्तित्व में आई थी। पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने परचम लहराया और रोहिणी को अपना गढ़ बना लिया। इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है। 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर में भाजपा ने जिन 3 सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से एक रोहिणी विधानसभा थी। हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है। वहीं कांग्रेस आज तक रोहिणी में अपना खाता नहीं खोल पाई है।
रोहिणी के चुनावी मुद्दे?
रोहिणी सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 72 हजार है। खराब सड़कें, पानी की समस्या, विकास की मांग, बेरोजगारी, बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, सफाई और कानून व्यवस्था रोहिणी विधानसभा के प्रुमख चुनावी मुद्दे हैं। इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ही सियासी दल प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और जीत की तैयारी कर रहे हैं।
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