Delhi Election 2025: 70 सीटों पर वोटिंग खत्म, 5 बजे तक 58% मतदान, अभी बढ़ेगा आंकड़ा
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग थम चुकी है। चुनाव आयोग ने 5 बजे तक की वोटिंग के आंकड़े जारी कर दिए हैं। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में शाम 5 बजे तक कुल 58 प्रतिशत मतदान किया गया है
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग थम चुकी है। चुनाव आयोग ने 5 बजे तक की वोटिंग के आंकड़े जारी कर दिए हैं। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में शाम 5 बजे तक कुल 58 प्रतिशत मतदान किया गया है। सुबह धीमी गति से मतदान शुरू हुआ था, लेकिन शाम होते-होते वोटिंग में तेजी देखी गई। हालांकि निर्धारित समय के बाद भी जो लग कतार में थे, उनके वोट भी डाले जाएंगे। उसके बाद मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली में सुबह मौसम के चलते धीमी गति से मतदान शुरू हुआ। सुबह 9 बजे तक कुल 8.10 प्रतिशत मतदान किया गया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने दोपहर 11 बजे तक के वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े जारी किए। दोपहर 11 बजे तक कुल 19.95 प्रतिशत मतदान हुआ। दोपहर होते होते मतदान प्रतिशत में थोड़ा उछाल आया। दोपहर 1 बजे तक कुल 33.31 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने 5 बजे तक की वोटिंग के आंकड़े जारी कर दिए हैं। अब तक कुल 57.70 प्रतिशत मतदान हो चुका है। अंतिम आंकड़े आना अभी बाकी है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान दिनभर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला और सियासत गरमाई रही। भाजपा और आप कार्यकर्ताओं के बीच कई इलाकों में झड़प देखने को मिली। सीलमपुर और जंगपुरा विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा में भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर पैसे बांटने के आरोप लगाए। वहीं सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने आम आदमी पार्टी के ऊपर बुर्के में फर्जी वोटिंग करवाने के आरोप लगाए।
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किसकी बनेगी सरकार?
गौरतलब है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान किया गया है। 8 फरवरी को नतीजे सामने आएंगे, जिसके बाद साफ होगा कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी। मतदान के बाद देर शाम को आए एग्जिट पोल में भाजपा की दिल्ली में 27 साल वापसी होती नजर आ रही है। कुछ एक्जिज पोल में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है।
2020 चुनाव में कैसा रहा था प्रदर्शन?
वर्ष 2020 में आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। जबकि भाजपा और कांग्रेस ने कोई चेहरा घोषित नहीं किया था। उस वक्त सत्तारूढ़ रही आप ने फिर से प्रचंड बहुमत से चुनाव जीता था। हालांकि उसे पांच सीटों का नुकसान हुआ था। वह 67 सीटें जीत पाई थी। वोट शेयर की बात करें तो इसमें 0.71 की गिरावट आई थी। लेकिन फिर भी वह 53.57 फीसदी वोट हासिल कर पाई थी। वहीं, भाजपा जो दूसरे स्थान पर रही थी। उसने अपना प्रदर्शन सुधारा और पांच सीटों के फायदे के साथ 8 सीटें जीती थीं। इसके वोट शेयर में उछाल हुआ था और इसे 38.51 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.