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Expulsion of MLAs: आतिशी की राष्ट्रपति को चिठ्ठी, तत्काल मिलने का वक्त मांगा

आतिशी ने लिखा, ''अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है, ताकि आम लोगों की आवाज सुनी जा सके।

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Dhiraj Dhillon
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नई दिल्ली,आईएएनएस। 

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दल से तुरंत मिलने का समय मांगा है। पूर्व सीएम ने इस चिट्ठी में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर हटा दी गई है। जो देश के वीर सपूतों का ही नहीं, बल्कि दलित-पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है। 

जानिए आतिशी ने पत्र में क्या लिखा 

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आप नेता आतिशी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा, ''आपके संज्ञान में एक अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील विषय लाना चाहती हूं, जो भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी की तस्वीर हटा दी है। ये न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है। '' 
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विधायकों का निष्कासन अलोकतांत्रिक 

आतिशी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि, ''जब आम आदमी पार्टी ने विपक्ष के रूप में इस कदम का विरोध किया और इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अलोकतांत्रिक रूप से आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए सदन की बैठकों से निष्कासित कर दिया। आज 27 फरवरी को जब आम आद‌मी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग कर हमें विधानसभा के परिसर के बाहर ही रोक दिया गया। 
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आतिशी ने लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया

जनता द्वारा निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोका जाना लोकतंत्र की हत्या है। इस कारण विपक्ष के विधायकों को सड़क पर ही धरने पर बैठना पड़ा। यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह घटनाक्रम भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक काला धब्बा है। 

बोलीं- कौन उठाएगा जनता के मुद्दे

आतिशी ने आगे लिखा, ''अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है, ताकि आम लोगों की आवाज सुनी जा सके। लेकिन, अभी जो हो रहा है, वह विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिससे जनता की आवाज भी दब रही है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का विधायक दल आपसे तत्काल मुलाकात करना चाहता है, ताकि इस तानाशाही के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सके। 

“दिल्ली नहीं, पूरे देश में यही हाल”

यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र पर संकट का संकेत है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस अति गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की कृपा करेंगी और आम आदमी पार्टी के विधायकों को आपसे मिलने के लिए 28 फरवरी का कोई समय निर्धारित करने की कृपा करेंगी।'' 
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