नई दिल्ली, आईएएनएस।
भाजपा के विधायक मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली विधानसभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में मुस्तफाबाद विधायक मोहन बिष्ट को उपाध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया। कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस प्रस्ताव को सदन में रखा। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया और मोहन सिंह बिष्ट को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया।
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मुस्तफाबाद का नाम बदलने को लेकर सुर्खियों में आये
आपको बात दें कि इससे पहले मोहन सिंह बिष्ट अपनी विधानसभा मुस्तफाबाद का नाम बदलने की मांग को लेकर चर्चा में आए थे। तब उन्होंने मुस्तफाबाद की जगह 'शिवपुरी' या 'शिव विहार' नाम सुझाया था। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा था, "एक तरफ 58 फीसदी लोग हैं, दूसरी तरफ 42 फीसदी। विधानसभा का नाम 42 फीसदी वाले लोगों की पसंद का कैसे हो सकता है? यह 58 फीसदी लोगों के साथ अन्याय है। यह उन बहुसंख्यक लोगों के साथ अन्याय है। मैं इस विधानसभा का नाम बहुसंख्यकों के नाम पर करवाऊंगा। विधानसभा के गठन के बाद जैसे ही पहला सत्र चालू होगा, वैसे ही मैं यह प्रस्ताव लाऊंगा कि मुस्तफाबाद विधानसभा का नाम बदलकर शिवपुरी या शिव विहार विधानसभा रखा जाएगा।"
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मोहन बिष्ट का राजनीतिक सफर
गौरतलब है कि मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली की राजनीति में एक अनुभवी नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1998 में करावल नगर से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था और 2015 तक इस सीट पर विधायक रहे। हालांकि, 2015 में आप के टिकट पर लड़ रहे कपिल मिश्रा ने उन्हें हराया था। साल 2020 में बिष्ट ने कपिल मिश्रा को हराकर वापसी की। करावल नगर के मतदाता कपिल मिश्रा के हिंदुत्व वाली छवि की तरफ अधिक आकर्षित थे, जिसके कारण पार्टी ने बिष्ट को दूसरी सीट पर भेजने का फैसला किया। बिष्ट ने इस निर्णय को गलत बताया, लेकिन बाद में उन्हें मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया।
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