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जनवरी 2026 से सभी Two wheelers में ABS अनिवार्य, क्या बढ़ेगी सुरक्षा या जेब पर पड़ेगा भार?

केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए जनवरी 2026 से सभी नए दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य करने की तैयारी की है। यह नियम अब 75cc से 125cc तक की एंट्री-लेवल बाइक्स और स्कूटर्स पर भी लागू होगा।

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Jyoti Yadav
ABS mandatory in all two-wheelers from January 2026
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क |देश में हर साल होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहनों की बड़ी भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। एक जनवरी 2026 से भारत में बिकने वाले सभी नए दोपहिया वाहनोंमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) लगाना अनिवार्य किया जा सकता है। अब तक यह नियम केवल 150cc से अधिक क्षमता वाले वाहनों पर लागू था, लेकिन अब यह 75cc से 125cc तक की बाइक्स और स्कूटरों पर भी लागू होगा। सरकार जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी करेगी।

सड़क सुरक्षा को मिलेगी नई ताकत

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 44% मौतें दोपहिया वाहन चालकों की होती हैं। एबीएस तकनीक अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन के पहियों को लॉक होने से रोकती है, जिससे फिसलने और असंतुलन की स्थिति नहीं बनती। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय देश में यातायात सुरक्षा के लिहाज से "गेमचेंजर" साबित हो सकता है।

क्या महंगे होंगे दोपहिया वाहन?

हालांकि, सुरक्षाके इस कदम से वाहनों की कीमतें बढ़ सकती हैं। इंडस्ट्री विशेषज्ञों का अनुमान है कि एबीएस सिस्टम जोड़ने से प्रत्येक वाहन की लागत ₹2,500 से ₹5,000 तक बढ़ सकती है। इसका असर खासकर एंट्री-लेवल बाइक्स और स्कूटर्स पर होगा, जो आमतौर पर बजट-फ्रेंडली खरीदारों के लिए बनाए जाते हैं।

क्या कहता है बाजार?

  • वर्ष 2024-25 में देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई
  • मोटरसाइकिल बिक्री: 92.6 लाख इकाइयां (4.6% वृद्धि)
  • स्कूटर बिक्री: 68.5 लाख इकाइयां (17% वृद्धि)

 जान बचाना पहली प्राथमिकता

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इनमें से दो-तिहाई वाहन 125cc से नीचे की श्रेणी में आते हैं। यानी यह नियम भारत के दोपहिया बाजार के बड़े हिस्से को प्रभावित करेगा। सरकार का मानना है कि तकनीकी सुधारों से थोड़ी लागत भले बढ़े, लेकिन लाखों जानें बचाई जा सकती हैं। मंत्रालय की योजना सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने की है, और यह नियम उसी दिशा में एक मजबूत कड़ी है।

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