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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।पहलगाम की कायरना घटना के बाद सुरक्षाबल जम्मू-कश्मीर में ज्यादा सतर्क हो गए हैं। आतंकवाद निरोधी अभियान में लगी सुरक्षा एजेंसियों ने शनिवार को बड़ा दावा किया है। राज्य के विभिन्न क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से 13 ओवरग्राउंड वर्कर्स की गिरफ्तारी के बाद आतंकवादी संगठनों को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा एजेंसियों ने इन ओवरग्राउंड वर्कर्स को जम्मू-कश्मीर के चार अलग-अलग जिलों पुलवामा, बांदीपोरा, अनंतनाग और हंदवाड़ा से गिरफ्तार किया है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले डेढ़ माह में सुरक्षा एजेंसियों ने पुलवामा से दो ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया है, जबकि बांदीपोरा से पांच, अनंतनाग से तीन और हंदवाड़ा से तीन ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया गया है।
आतंकियों को मदद पहुंचाते हैं ग्राउंड वर्कर्स
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी अभियानों में शामिल वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "वे (ओवरग्राउंड वर्कर्स ) न केवल आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान कर रहे थे, बल्कि उन्हें अपने ठिकानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में भी सहायता कर रहे थे।"
जांच से पता चला कि रसद सहायता, भोजन, आश्रय और धन उपलब्ध कराने के अलावा ओवरग्राउंड वर्कर और समर्थक आतंकवादियों को जम्मू प्रांत के दुर्गम इलाकों से सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन देने में भी शामिल थे। पिछले दिनों पहलगाम की घटना में इनकी संलिप्तता उजागर हुई थी।
पहलगाम में भी आतंकियों की मदद की थी
वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों के नरसंहार में शामिल तीन खूंखार आतंकवादियों को भी ओवरग्राउंड वर्कर्स ने मदद की थी। अधिकारी ने कहा, "ओवरग्राउंड वर्कर्स द्वारा प्रदान की गई सहायता और सहयोग के कारण ही मारे गए आतंकवादी कई महीनों तक सुरक्षा एजेंसियों से छिपने में सक्षम रहे।" जांच प्रक्रिया के दौरान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय विभिन्न पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़े 30 से अधिक कार्यकर्ताओं को उठाया और उनसे पूछताछ की।
रेकी करने में भी काम आते हैं ग्राउंड वर्कर्स
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य अधिकारी ने कहा, "लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने के अलावा, ओवरग्राउंड वर्कर्स आतंकवादी संगठन के लिए टारगेट एरिया का सर्वेक्षण भी करते हैं। " जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी के मुद्दे पर बहुस्तरीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए जमीनी सर्वेक्षण में पाया गया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स और आतंकवादी सहयोगी आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद कर रहे हैं।
कई इलाकों में शरण लिए हुए हैं आतंकवादी
सर्वेक्षण के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने कठुआ, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, पुंछ और कश्मीर घाटी के कुछ हिस्सों की पहचान की है, जहां मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकवादी शरण लिए हुए हैं।
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए एक अनुमान के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में 115 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से केवल 18 स्थानीय हैं। सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों की घुसपैठ की सूचना के आधार पर, एनआईए ने हाल के दिनों में जम्मू में कई तलाशी अभियान चलाए। जम्मू में 12 स्थानों पर छापे मारे गए, जिनमें कथित आतंकवादी समर्थकों के परिसर भी शामिल थे।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जिन परिसरों पर छापेमारी की गई, उनमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के नवगठित शाखाओं और सहयोगियों से जुड़े ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के घर भी शामिल हैं।" Jammu Kashmir Terror Action | Anti-terrorism | Anti-Terrorism Squad | Anti Terror Operation India | Anti-terror operation