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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी विदेश नीति अभूतपूर्व और असामान्य रूप से सार्वजनिक थी। एस जयशंकर ने कहा कि इससे पहले कभी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने विदेश नीति को इतने खुले तौर पर संचालित नहीं किया। दिल्ली में आयोजित इकनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "यह बदलाव सिर्फ भारत के साथ संबंधों में नहीं है बल्कि दुनिया भर के देशों के साथ अमेरिका का जो रवैया रहा है, वह पारंपरिक कूटनीति से एकदम अलग था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रंप का अपने देश के साथ डील करने का तरीका भी उतना ही अलग था।
टैरिफ पर भारत की 'रेड लाइन'
जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता अभी भी चल रही है, लेकिन भारत ने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों को लेकर स्पष्ट सीमाएं तय की हैं। उन्होंने दोहराया कि भारत किसी भी कीमत पर इन हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 50% करने और भारत के रूसी तेल आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा है। जयशंकर बोले, “जब लोग कहते हैं कि हम व्यापार में सफल हुए या असफल – मेरा जवाब यही है कि हमारी सरकार अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह हमारी 'रेड लाइन' है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
भारत को मुनाफाखोर बताना हास्यास्पद
रूसी तेल के आयात और उसके रिफाइन किए गए उत्पादों को अन्य देशों में ऊंचे दामों पर बेचने के आरोपों पर जयशंकर ने अमेरिका पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह हास्यास्पद है कि एक व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी भारत पर व्यापार के जरिए लाभ कमाने का आरोप लगा रहे हैं। जयशंकर का यह बयान भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता को एक बार फिर स्पष्ट करता है, जिसमें अमेरिका सहित किसी भी देश के दबाव में न झुकने की बात कही गई है। jaishankar news | india us relations | india eu trade talks | donald trump
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