Advertisment

Mashelkar Committee को लेकर आरोप-प्रत्यारोप, सरकार ने three-language policy से जुड़े जीआर GR लिए वापस

महाराष्ट्र में माशेलकर समिति की सिफारिशों को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया था, जिस पर संजय राऊत ने बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

author-image
Jyoti Yadav
Sanjay Raut
Listen to this article
00:00/ 00:00

मुंबई, वाईबीएन डेस्क | महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने माशेलकर समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राऊत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संजय राऊत ने कहा, “बीजेपी की राष्ट्रीय नीति है झूठ बोलना। वे महाराष्ट्र में भी झूठ बोल रहे हैं। अगर उद्धव ठाकरे ने वाकई माशेलकर समिति की रिपोर्ट स्वीकार की होती, तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं करते? क्या हम इस पर चर्चा नहीं कर सकते?” 

Advertisment

तीन भाषा नीति के दो सरकारी प्रस्ताव वापस

इस बीच, लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने तीन भाषा नीति के क्रियान्वयन से जुड़े दो सरकारी प्रस्ताव (जीआर) रविवार,29 जून को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को लेकर राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि सरकार पर विपक्ष और जनता के दबाव का असर हुआ है।

Advertisment

माशेलकर समिति की रिपोर्ट

गौरतलब है कि डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति की रिपोर्ट को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है, खासकर मराठी भाषा और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को लेकर। अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर सरकार अगला कदम क्या उठाती है। बता दें समिति माशेलकर समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और सुझाव देगी कि किस स्तर (कक्षा-1 या अन्य) से त्रि-भाषा नीति लागू की जाएगी।'' फडणवीस सरकार ने 16 अप्रैल को एक सरकारी आदेश जारी किया था, जिसमें अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाया गया था। 

Maharastra Politics | Three-Language Policy 

Three-Language Policy Maharastra Politics
Advertisment
Advertisment