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श्रीनगर, आईएएनएस।अमरनाथ यात्रा के दौरान अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। अगले दो दिनों में यह आंकड़ा चार लाख को पार कर जाने की संभावना है।बुधवार को 1,339 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ। 16 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 328 यात्रियों को लेकर सुबह 3.28 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। वहीं, 42 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला 1,017 यात्रियों को लेकर सुबह 3.48 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इसके अलावा, कई श्रद्धालु ऐसे हैं जो मौके पर ही रजिस्ट्रेशन कराकर अमरनाथ यात्रा शुरू कर रहे हैं। जो लोग सीधे यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं, उनके लिए दोनों बेस कैंपों पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), जो इस यात्रा का प्रबंधन करता है, श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के यात्रा पूरी करने में मदद कर रहा है। अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं। पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है।
46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं। तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है। श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे। : amarnath yatra 2025 | Amarnath Pilgrims Count | Amarnath Security | Jammu Kashmir news | jammu kashmir news live
-आईएएनएस