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बिहार में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस नई रणनीति के साथ मैदान में, भनक लगते ही RJD सतर्क

बिहार में आगामी चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने एक नई रणनीति अपनाई है, जिसकी भनक लगते ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सतर्क हो गया है। कांग्रेस अब अधिक सीटों पर दावा कर रही है।

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Deepak Gaur
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Bihar Election
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नई दिल्ली, वाईबीएन । देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस पिछले कुछ सालों से कुछ राज्यों में अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। कुछ राज्यों में पार्टी ने जहां पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन भी किया है, वहीं कुछ राज्यों में गठबंधन की डोर पकड़कर पार्टी आगे बढ़ने की जुगत में भी नजर आ रही है। हालांकि गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच अड़ता नजर आ रहा है।

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हालिया घटनाक्रम बिहार से जुड़ा है। सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष समेत राहुल गांधी दिल्ली से लेकर बिहार तक कई बार बैठक कर चुके हैं, बावजूद इसके सीटों पर आम राय नहीं बन पाई है। ऐसे में लगत है कांग्रेस ने अब इस मुद्दे को लेकर अपनी नई रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है। असल में सीट बंटवारे से पहले ही, अब कांग्रेस ने बिहार में कई सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करना शुरू कर दिया है। इस दावेदारी के साथ ही कांग्रेसी नेताओं ने इलाकों में अपना अघोषित जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस के इन तेवरों को देखकर अब राजद भी सतर्क हो गई है। 

कांग्रेस ने इन सीटों पर किए दावे

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के साथ ही सियासी दलों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। इस बार एनडीए और महागठबंधन में टक्कर नजर तो आ रही है, लेकिन सीट बंटवारे के मुद्दे पर दोनों ही गठबंधनों में पेंच अभी फंसा हुआ है। अगर बात महागठबंधन की करें तो यहां कांग्रेस और राजद के बीच ही मुख्य रूप से सीट बंटवारे की बातचीत होनी है। दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकों का दौर चला है, लेकिन अभी तक कोई ठोस फैसला बाहर नहीं आया है। इस सबके बीच कांग्रेस ने बिहार में कुछ सीटों पर अपना दावा ठोकना शुरू भी कर दिया है।

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मसलन, हाल में दिल्ली में हुई कांग्रेस की एक बैठक में जिला इकाई ने भागलपुर की सीटों पर दावेदारी की बात रख दी है। भागलपुर की सात विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने चार पर अपना दावा कर दिया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष परवेज जमाल ने मुखरता के साथ इन सीटों को सीट बंटवारे में अपने पक्ष में रखने की मांग की है। इसके साथ ही सुलतानगंज और कहलगांव विधानसभा सीटें भी कांग्रेस ने यह कहते हुए अपने पक्ष में रखने की बात कही है कि यहां से कांग्रेस ही अपने उम्मीदवार उतारती है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर और बिहपुर में से एक सीट को अपने पाले में रखने की बात पार्टी आलाकमान के सामने रख दी है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि इन सीटों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या अच्छी है, जो कांग्रेस को वोट देते हैं। 

जनता के बीच पहुंच रही कांग्रेस

पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और महज 19 पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में इस बार कांग्रेस अपनी पहले की गलतियों को न दोहराने की मुहिम में जुट गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने अभी से लोगों के साथ जनसंपर्क करना भी शुरू कर दिया है। असल में इसके लिए कांग्रेस ने बहाना खोजा है एक योजना को। बता दें कि कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों से पहले माई बहिन योजना शुरू की है, जिसके तहत वह दावा कर रही है कि राज्य की सत्ता में वह वापस आए तो वह महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद देना शुरू करवाएगी।

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इस योजना का न केवल बिहार के कई इलाकों में प्रचार प्रसार हो रहा है, बल्कि कई जिलों में गांव- गांव जाकर कांग्रेसी कार्यकर्ता महिलाओं का रजिस्ट्रेशन भी कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन सप्ताह में 32 हजार महिलाओं का इस योजा के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया गया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनावों में यह योजना हमारी मास्टर स्टोक साबित होगी। 

हलचल देख राजद भी हुई सतर्क

बिहार कांग्रेस की, चुनावों को लेकर बंद कमरों से लेकर मैदानों में हो रही बैठकों को काफी आक्रमक राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार में कांग्रेस की नवगठित टीम बड़े जोश के साथ मैदान पर नजर आ रही है। इस बीच कांग्रेस के ऐसे दावों के चलते राजद भी सतर्क हो गई है। राजद के एक बड़े नेता ने इस मुद्दे पर कहा कि अभी दोनों ओर के बड़े नेताओं ने सीटों के बंटवारे पर एकराय बनानी है। लेकिन यह बात तय है कि बिहपुर और गोपालपुर की सीटें राजद की पारंपरिक सीटें हैं, जो किसी ओर को नहीं दी जा सकती। 

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हालांकि उन्होंने भी कहा कि सीट बंटवारे को लेकर अभी अंतिम फैसला आया नहीं है, ऐसे में दोनों दलों के नेताओं को चाहिए कि पार्टियों के शीर्ष नेता जो तय करें वो दोनों दलों के लोगों को मानना होगा। बावजूद इसके, राजद ने अपने नेताओं को भी सतर्क हो जाने और अपने अपने इलाकों में अपना संपर्क बढ़ाने के लिए लगातार गतिविधियों में लिप्त रहने को कहा है। 

क्या बनेगा सीटों का गणित

राजद में अंदरखाने चल रही राजनीति के बीच कांग्रेस जिस तरह से बिहार चुनावों को लेकर आक्रमक रुख अपनाते हुए मैदान में उतरने लगी है, उसे लेकर अन्य सियासी दलों ने भी अपनी राजनीति और रणनीति में बदलाव शुरू कर दिए हैं। बहरहाल, अब नजरें लगी हुई हैं बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से एनडीए के सियासी दल भी अपनी अपनी नई नई चालों के साथ मैदान में उतर रहे हैं, ऐसे में कम ही लग रहा है कि राजद कांग्रेस को उनकी मनमाफिक सीटें देगा।

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