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संविधान पर हमला कर वैचारिक तख्तापलट की कोशिश में भाजपा-आरएसएस: Sonia Gandhi

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि भाजपा और आरएसएस भारतीय संविधान से धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जैसे मूल सिद्धांतों को हटाकर एक वैचारिक तख्तापलट करना चाहते हैं।

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Ranjana Sharma
सोनिया गांधी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वे भारत के संविधान से धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को मिटाकर "वैचारिक तख्तापलट" करने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस के विधि विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन में सोनिया गांधी का संदेश पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने पढ़कर सुनाया। अपने संदेश में उन्होंने चेतावनी दी कि संविधान खतरे में है, और कांग्रेस इसे बचाने के लिए संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष करती रहेगी।

कांग्रेस ने इन मूल्यों को अपनाया

सोनिया गांधी ने कहा कि भारत का संविधान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों पर आधारित है, जिसकी नींव स्वतंत्रता संग्राम और कांग्रेस के ऐतिहासिक बलिदानों से पड़ी। उन्होंने 1928 की नेहरू रिपोर्ट और संविधान सभा की मांग का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे महात्मा गांधी, नेहरू और डॉ. भीमराब आंबेडकर ने इन आदर्शों को आकार दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने चेताया था कि सामाजिक और आर्थिक न्याय के बिना राजनीतिक लोकतंत्र सिर्फ एक दिखावा होगा। कांग्रेस ने इन मूल्यों को अपनाया, संस्थाओं को मजबूत किया और सभी वर्गों की गरिमा बनाए रखने के लिए काम किया।

लोकतंत्र के ढांचे को तोड़ने पर आमादा हैं बीजेपी

सोनिया गांधी ने भाजपा-आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि "जो लोग कभी स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं रहे, वही अब लोकतंत्र के ढांचे को तोड़ने पर आमादा हैं। उनके वैचारिक पूर्वजों ने मनुस्मृति को सर्वोपरि माना, तिरंगे को खारिज किया और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया, असहमति को अपराध बना दिया और वंचित वर्गों के साथ विश्वासघात किया।

कांग्रेस हर मोर्चे पर लड़ाई जारी रखेगी 

सोनिया गांधी ने कहा कि अब भाजपा-आरएसएस समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता, जो भारतीय नागरिकता की आत्मा हैं, को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने इसे सुधार नहीं बल्कि एक सुनियोजित वैचारिक तख्तापलट बताया, जिसका उद्देश्य एक रूढ़िवादी कॉरपोरेट व्यवस्था स्थापित करना है, जो केवल कुछ चुनिंदा ताकतवर लोगों की सेवा करे। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस भारत को उसके संविधान और लोकतांत्रिक स्वरूप के अनुसार बनाए रखने के लिए हर मोर्चे पर लड़ाई जारी रखेगी चाहे वह संसद हो, न्यायपालिका हो या सड़क। अंत में सोनिया गांधी ने कहा कि यह सिर्फ राजनीति नहीं है, बल्कि हर भारतीय की गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए हमारी वैचारिक प्रतिबद्धता है। Sonia Gandhi

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