नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश के
CM Yogi Adityanath ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर बड़ा जुबानी हमला बोला है। एक एजेंसी को दिए साक्षात्कार में सीएम योगी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा वास्तव में भारत तोड़ो अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत की आलोचना करते हैं, जबकि देश उनके स्वभाव और इरादों को अच्छी तरह समझ चुका है।"
योगी बोले- राहुल जैसे कुछ नमूने होने ही चाहिए
सीएम योगी ने कहा, "भारतीय राजनीति में भाजपा के लिए
Rahul Gandhi जैसे कुछ नमूने होने ही चाहिए, ताकि रास्ता हमेशा साफ होता रहे। यह अच्छा है कि वह मौजूद हैं।"
'महात्मा गांधी का सपना क्यों नहीं पूरा किया?'सीएम योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "क्या एक भारत, श्रेष्ठ भारत नहीं होना चाहिए? राहुल गांधी से पूछा जाना चाहिए कि उनकी पार्टी छह से दस दशकों तक क्या कर रही थी? उन्हें अपने दादा, दादी और पिता से पूछना चाहिए था कि उन्होंने उस समय ऐसा क्यों नहीं किया?"
पूरे भारत में पीएम मोदी को मिल रहा समर्थन
उन्होंने कहा, "आज पूरे भारत को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन मिल रहा है, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा क्यों नहीं किया? वे अयोध्या विवाद को हमेशा विवाद ही बने रहने देना चाहते थे। काशी की संकरी गलियों में गांधी जी के नाम पर राजनीति करते रहे, जबकि 1916 में खुद महात्मा गांधी ने काशी की इन गलियों की स्थिति पर कड़ी टिप्पणी की थी। कांग्रेस ने गांधी जी का सपना पूरा क्यों नहीं किया? प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सपनों को साकार किया है।"
योगी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप
सीएम योगी ने कांग्रेस पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस ने तीन तलाक को खत्म क्यों नहीं किया? उन्होंने कुंभ मेले को इतने गौरव और दिव्यता के साथ क्यों नहीं प्रचारित किया? कांग्रेस देश में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का मॉडल देने में क्यों विफल रही?" उन्होंने अयोध्या को लेकर कहा, "राम मंदिर का निर्माण हो चुका है और अब हर किसी को एक नई अयोध्या के दर्शन हो रहे हैं। हर दिन लाखों लोग इसे देखने आ रहे हैं। कांग्रेस ने इसे इतने सालों तक विवाद में ही उलझाए रखा।"
'ऐसे लोगों से लोकतंत्र को खतरा'
RJD सांसद मनोज झा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 'नमुना' कहे जाने पर कहा कि उनका दर्शन बहुत संकुचित और संकीर्ण है। संविधान, संविधान के मर्म से उन्हें कोई मतलब नहीं है, यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है कि ऐसे लोग ओहदेदार बनकर बैठे हैं।"