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संविधान की ताकत को सलाम : मुझ जैसे गरीब को PM बनाया, मोदी ने नए मतदाताओं को दिया यह संदेश

संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक सफर को याद करते हुए कहा कि एक गरीब परिवार से निकलकर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचना भारत के संविधान की शक्ति का प्रमाण है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: संविधान दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक सफर को याद करते हुए कहा कि एक गरीब परिवार से निकलकर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचना केवल भारत के संविधान की ताकत से संभव हुआ है। उन्होंने संविधान दिवस के अवसर पर लिखे एक विस्तृत ब्लॉग में न सिर्फ अपनी यात्रा का उल्लेख किया, बल्कि युवाओं और पहली बार मतदान करने वाले नागरिकों को विशेष संदेश भी दिया।

पहली बार वोट करने वालों के लिए पीएम की अपील

पीएम मोदी ने कहा कि 18 वर्ष के हो रहे युवाओं को यह महसूस कराना जरूरी है कि वे सिर्फ छात्र या छात्रा नहीं, बल्कि नीति-निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले नागरिक हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में हर साल 26 नवंबर को ‘फर्स्ट-टाइम वोटर्स’ के सम्मान की परंपरा शुरू की जानी चाहिए। उनके अनुसार, इससे युवाओं में जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति स्वाभिमान बढ़ेगा, जो एक सशक्त राष्ट्र की आधारशिला बनेगा।

संविधान दिवस का महत्व और मोदी की भावनाएं

पीएम ने कहा कि 26 नवंबर भारतीयों के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण दिन है, क्योंकि 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकृत किया था। इसी कारण 2015 में NDA सरकार ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री ने याद किया कि 2014 में पहली बार संसद में प्रवेश करते समय उन्होंने सीढ़ियों पर माथा टेककर लोकतंत्र के मंदिर को नमन किया था, और 2019 में चुनाव जीतने के बाद संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान को सिर से लगाकर सम्मान प्रकट किया था।

संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि

मोदी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान निर्माण में योगदान देने वाले सभी सदस्यों को स्मरण किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संविधान सभा में कई महिलाएँ भी थीं, जिनके विचारों ने इस महान दस्तावेज़ को और समृद्ध बनाया। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2010 में संविधान के 60 वर्ष पूरे होने पर गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने ‘संविधान गौरव यात्रा’ की अगुवाई की थी, जिसमें संविधान की प्रतिकृति को एक हाथी पर रखकर यात्रा निकाली गई थी। वहीं संविधान के 75 वर्ष पूरा होने पर केंद्र सरकार ने देशव्यापी अभियान चलाया और संसद का विशेष सत्र आयोजित किया, जिसे उन्होंने जनभागीदारी का बड़ा उत्सव बताया।

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर किया याद

अपने ब्लॉग में मोदी ने कहा कि यह वर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का है। उन्होंने कहा कि पटेल के नेतृत्व ने देश का राजनीतिक एकीकरण सुनिश्चित किया और उसी प्रेरणा से सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने का निर्णय लिया, जिसके बाद वहां संविधान पूरी तरह लागू हुआ। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा आज भी जनजातीय समुदाय के सम्मान और सशक्तिकरण की प्रेरणा हैं। इसी वर्ष वंदे मातरम के 150 वर्ष और गुरु तेग बहादुर की शहादत के 350 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं, जिनका देशभर में सम्मान किया जा रहा है।
pmmodi Constitution Day 2025
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