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वाईबीएन डेस्क, नई दिल्ली। हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में कल (27 जुलाई) सुबह 9:15 बजे मची भगदड़ में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 30 से ज्यादा लोग घायल हैं। जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है। मंदिर पहाड़ के ऊपर है। यहां पहुंचने के लिए 800 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। प्रत्यक्षदर्शी संतोष कुमार के अनुसार मंदिर पहुंचने के लिए 25 सीढ़ियां बची थीं, तभी हादसा हो गया। रविवार को भीड़ ज्यादा थी। कुछ लोग वहां लगे तार को पकड़कर आगे बढ़े। कुछ तार छिल गए और उनमें करंट आ गया। इससे अफरा-तफरी मची और सीढ़ियों पर गिरने से लोग मारे गए। वहीं, हरिद्वार पुलिस ने मंदिर में करंट फैलने की बात को अफवाह बताया है।
भारी भीड़ जुटने से हादसा
कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि सावन महीने के कारण मंदिर में भारी भीड़ जुटने से हादसा हुआ है। हरिद्वार SSP प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने कहा कि भगदड़ में 35 लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी। इन्हें अस्पताल लाया गया, लेकिन 8 लोगों की मौत हो गई। घायलों का इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
बिल्व पर्वत पर स्थित है मंदिर
मनसा देवी मंदिर बिल्व पर्वत पर स्थित है। यह हर की पौड़ी से 3 किमी दूर है। यहां 1.5 किमी की चढ़ाई वाले रास्ते या रोपवे के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
सीएम ने की घायलों से मुलाकात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की है। डॉक्टरों से बातचीत की। उन्होंने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
मंदिर परिसर की घटना नहीं
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मनसा देवी मंदिर के महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि घटना मंदिर परिसर में नहीं हुई है। मंदिर में आने-जाने के 3 रास्ते हैं। इसमें से एक रास्ते में बारिश के कारण फिसलन हो गई थी। श्रद्धालुओं के फिसलने से अफवाह फैली और भगदड़ हुई, तब मंदिर में हजारों लोग मौजूद हैं।
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