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नई दिल्ली वाईबीएन डेस्क। राजधानी दिल्ली से देहरादून जाना अब और भी आसान हो जाएगा, दूरी कम हो जाएगी। यह सम्भव होगा दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेस वे से। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अक्तूबर 2025 से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस दिवाली यात्रियों को इस आधुनिक एक्सप्रेसवे का तोहफा मिलेगा। लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह परियोजना दिल्ली से देहरादून की यात्रा को बेहद सुगम बना देगी और यमुनापार में ट्रैफिक जाम से राहत भी दिलाएगी।
पहले चरण की पूरी तैयारी
- एक्सप्रेसवे का पहला चरण 32 किलोमीटर लंबा है।
- इसे दो पैकेजों में बांटा गया है -
- पैकेज-1: 14.75 किमी (अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक) - लागत ₹1100 करोड़
- पैकेज-2: 16.85 किमी (लोनी से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक) - लागत ₹1323 करोड़
- दोनों पैकेजों में कुल 17.6 किमी एलिवेटेड रोड का निर्माण किया गया है।
- पहले इसे दिसंबर 2024 में शुरू करने की योजना थी, लेकिन वेयरिंग लेयर में तकनीकी दिक्कतों के कारण देरी हुई। अब सभी मरम्मत कार्य पूरे हो चुके हैं।
यमुनापार में वाहनों का दबाव होगा कम
- इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद यमुनापार में जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
- खास बात यह है कि दिल्ली की सीमा के भीतर यात्रियों को कोई टोल टैक्स नहीं देना होगा।
- प्रमुख एग्जिट और एंट्री पॉइंट: अक्षरधाम, गांधी नगर-गीता कॉलोनी, आईएसबीटी-दिलशाद गार्डन, खजूरी पुस्ता मार्ग और सिग्नेचर ब्रिज।
- शास्त्री पार्क रेडलाइट पर खास लूप और खजूरी खास में एग्जिट-एंट्री से कनेक्टिविटी और भी आसान होगी।
चार चरणों में तैयार हुआ एक्सप्रेसवे
- पहला चरण: अक्षरधाम से बागपत (32 किमी) - सिर्फ 25 मिनट में तय।
- दूसरा चरण: बागपत से सहारनपुर (118 किमी ग्रीनफील्ड कॉरिडोर) - इसमें 60 अंडरपास और 4 बड़े इंटरचेंज होंगे।
- तीसरा चरण: सहारनपुर से डोईवाला।
- चौथा चरण: 14 किमी डेडिकेटेड वाइल्डलाइफ अंडरपास – ताकि जंगली जानवरों की आवाजाही प्रभावित न हो।
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