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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। लाल किला ब्लास्ट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ा सुराग मिला है। एजेंसी को शक है कि फिदायीन हमलावर डॉक्टर उमर उन नबी ने जूते में बम ट्रिगर छिपाकर “शू बॉम्बर” की तरह विस्फोट किया। यह हमला 2001 में अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट में हुए हमले से मिलता- जुलता है। जांच एजेंसी को इस बात के भी पुख्ता सबूत मिले है कि उमर उन नबी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय सदस्य था।
जूते में फिट किया गया था ट्रिगर
जांच में सामने आया है कि उसकी ध्वस्त i20 कार में ड्राईवर सीट के नीचे जूते से धातु वाले टुकड़े मिले। इनमें TATP के निशान भी पाए गए, जिसका इस्तेमाल अधिकांश आतंकी हमलों में होता है। मौके से मिला कटा हुआ पैर भी इशारा करता है कि ट्रिगर डिवाइस जूते में ही फिट किया गया था। एनआईए स्रोतों के अनुसार, कार के टायरों और जूतों में भी TATP अवशेष मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया कि हमलावरों ने बड़े धमाके के लिए भारी मात्रा में TATP जमा किया था और इसे अमोनियम नाइट्रेट के साथ मिलाकर ब्लास्ट को अंजाम दिया गया। बता दें किआतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद अक्सर फिदायीन हमलों में TATP का प्रयोग करता है।
TATP वास्तव में क्या है?
TATP का पूरा नाम ट्राई एसीटोन ट्राई पैराऑक्साइड है। यह एक क्रिस्टलीय कार्बनिक पैराऑक्साइड होता है, जो एसिड की उपस्थिति में एसीटोन और सघन हाइड्रोजन पैराऑक्साइड के रासायनिक प्रतिक्रिया से बनता है। इस प्रक्रिया का परिणाम एक अत्यंत संवेदनशील और खतरनाक यौगिक के रूप में सामने आता है। यह यौगिक बाहरी प्रभावों जैसे झटका, घर्षण या ताप के प्रति बेहद संवेदनशील होता है और आसानी से विस्फोटित हो सकता है। TATP आमतौर पर सफेद क्रिस्टल या पाउडर के रूप में दिखाई देता है। इसकी संवेदनशीलता और विस्फोटक क्षमता के कारण इसे आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके अत्यधिक अस्थिर होने की वजह से इसे संभालना और बनाना बेहद जोखिम भरा है। TATP के कारण होने वाले विस्फोट छोटे आकार के उपकरणों या हस्तनिर्मित बमों में भी भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इसकी पहचान और सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।
शाहिना सईद के जरिए की गई थी फंडिंग
दिल्ली ब्लास्ट की साजिश के लिए 20 लाख रुपये की फंडिंग पाकिस्तान आधारित मॉड्यूल को गिरफ्तार महिला डॉक्टर शाहीना सईद के जरिए भेजी गई थी। कार की पिछली सीट के नीचे भी विस्फोटक सामग्री मिली है। जांच में यह हमला 2001 के अमेरिकी एयरलाइंस फ्लाइट पर हुए “शू बॉम्बर” रिचर्ड रीड के हमले जैसा पाया गया। बता दें कि जांच एजेंसियों ने उमर नबी का वह वीडियो भी खोज निकाला है जिसमें वह आत्मघाती हमले का महिमामंडन कर रहा है।
अक्टूबर में रची गई थी हमले की साजिश
जांच एजेंसी ने खुलासा किया कि हमले की प्लानिंग 2 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच की गई थी। साजिश में नेपाल से लाए गए सात पुराने मोबाइल फोन और 17 सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से छह कानपुर से खरीदे गए थे। तीन 9mm कारतूस और खोखा भी घटनास्थल से मिला।
10 नवंबर को हुए फिदायीन हमले में गईं 15 जान
बता दें कि 10 नवंबर के इस फिदायीन हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 2900 किलो विस्फोटक जब्त होने के बाद कई कश्मीरी डॉक्टरों और पाकिस्तान आधारित महिला विंग की प्रमुख समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। 14 नवंबर को श्रीनगर के नौगाम थाने में रखा जब्त विस्फोटक फटने से नौ कर्मियों की मौत और 29 लोग घायल हो गए थे। Delhi Blast | Delhi Blast Investigation | NIA investigation
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