Advertisment

Digital obscenity और fake news पर सख्ती की मांग, social media के दुरुपयोग पर लगेगी लगाम

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता और फेक न्यूज़ पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी पिछले छह महीनों से इस विषय पर चिंता व्यक्त कर रहा है। दुबे ने बताया कि संसद की स्थायी समिति ने सरकार को सुझाव भेजे हैं।

author-image
Jyoti Yadav
Dr Nishikant Dubey
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क| सोशल मीडिया पर बढ़ती फेक न्यूज़, अश्लील टिप्पणियों और घृणित भाषा को लेकर अब संसद और न्यायपालिका द्वारा चिंता जताई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और संसद की सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति के सदस्य डॉ. निशिकांत दुबेने एक ट्वीट के माध्यम से इस विषय पर गंभीर चिंता जाहिर की है। उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया और अपनी चिंता जाहिर की। 

अश्लीलता और फेक न्यूज़ को लेकर चिंता 

डॉ. दुबे ने ट्वीट में कहा कि “माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आईटी एक्ट की धारा 66A को पहले ही समाप्त कर दिया था, लेकिन आज खुद सर्वोच्च न्यायालय लगातार बीते छह महीनों से आम जनता, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लीलता और फेक न्यूज़ को लेकर अपनी चिंता जता रहा है।”

उन्होंने बताया कि संसद की स्थायी समिति भी सुप्रीम कोर्ट के इन सुझावों से सहमत है और इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। दुबे के अनुसार, समिति ने सरकार को यह सिफारिश भेजी है कि संविधान के अनुच्छेद 19(1) जो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, उसकी गरिमा को बनाए रखते हुए, डिजिटल माध्यमों पर अश्लीलता, घृणित भाषा और झूठी खबरों पर सख्त रोक लगाई जाए और इसके लिए कानूनी दंड का स्पष्ट प्रावधान भी किया जाए।

सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर रोक 

Advertisment

डॉ. दुबे के इस बयान से संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए किसी नए विधायी ढांचे पर विचार कर सकती है। यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल अनुशासन के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

 nishikant dubey news

nishikant dubey news nishikant dubey
Advertisment
Advertisment