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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने हरियाणा स्थित एक बिजली कंपनी मैसर्स हाइथ्रो पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और उसके प्रवर्तकों द्वारा कथित तौर पर 346 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर, तमिलनाडु और कर्नाटक में छापेमारी की। गुरुग्राम स्थित कंपनी एचपीसीएल लिक्विडेशन के दौर से गुजर रही है। तलाशी और सर्वेक्षण अभियान के दौरान, विभिन्न डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद और जब्त किए गए। इसके अलावा, कई बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं।
एनसीआर में पांच परिसरों में की गई छापेमारी
छापेमारी की सूचनी ईडी ने सोशल मीडिया एक्स पर शेयर की है। बताया गया है कि ईडी के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने इस जांच के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पांच परिसरों, चेन्नई में तीन और बेंगलुरु में एक परिसर में छापेमारी की। मामले के विवरण के अनुसार, शिकायतकर्ता बैंकों द्वारा घोषित कथित धोखाधड़ी की राशि 346.08 करोड़ रुपए है, जिसमें पीएनबी द्वारा 168.07 करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 77.81 करोड़ रुपए, कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा 44.49 करोड़ और यूनियन बैंक द्वारा 55.71 करोड़ रुपए शामिल हैं और धोखाधड़ी 2009 और 2015 के बीच हुई बताई गई है।
ED,Gurugram has conducted search & survey operations on 10.09.2025 at 11 residential and commercial premises related to M/s Hythro Power Corporation Ltd (HPCL), its group companies and related key persons in Delhi NCR, Bengaluru and Chennai under the provisions of PMLA, 2002 in…
— ED (@dir_ed) September 12, 2025
निदेशकों अमूल गबरानी और अजय कुमार बिश्नोई के खिलाफ जांच
ई़डी सूत्रों के अनुसार, इसके निदेशकों अमूल गबरानी और अजय कुमार बिश्नोई के अलावा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भी जांच जारी है। धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी का मामला फरवरी 2025 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने ऋण राशि को अपनी कुछ संबद्ध संस्थाओं को हस्तांतरित कर दिया, जिससे बैंकों को नुकसान पहुंचाया।
विद्युत पारेषण लाइन के लिए डिजाइन से जुड़ी है कंपनी
विद्युत पारेषण एवं वितरण क्षेत्र की कंपनी एचपीसीएल, विद्युत पारेषण लाइन के लिए डिजाइन और विनिर्माण परियोजनाओं से जुड़ी हुई थी। आरोप है कि कंपनी के प्रवर्तकों और निदेशकों ने बहु-बैंकिंग व्यवस्था के तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से कुल 165.71 करोड़ रुपए की ऋण सुविधाएं प्राप्त कीं। ईडी ने कहा कि बैंक गारंटी को वित्त पोषित ब्याज अवधि ऋण (एफआईटीएल) में बदलने समेत कई पुनर्गठनों के बावजूद, एचपीसीएल ने चूक की और 31 मार्च, 2015 को इसे गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया और बाद में 13 जून, 2024 को आरबीआई को धोखाधड़ी की सूचना दी गई। ED Raids Gurugram | ED Raid | ED Raids Bengaluru | ED raids