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विदेश मंत्री S Jaishankar का तीन दिवसीय चीन दौरा, एससीओ बैठक में होंगे शामिल

विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिवसीय चीन दौरे पर हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में तियानजिन में भाग लेंगे। यह दौरा गलवान घाटी संघर्ष (2020) के बाद जयशंकर की पहली चीन यात्रा है।

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Jyoti Yadav
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नई दिल्ली, आईएएनएस।विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार से चीन की तीन दिन की यात्रा पर रवाना होंगे। वे तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर ने कई बार अंतरराष्ट्रीय बैठकों के दौरान अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की है। लेकिन, जून 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई तनाव के बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी।

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पहली बार हुई द्विपक्षीय बैठक

अक्टूबर 2024 में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच लगभग पांच साल बाद पहली बार एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत-चीन संबंधों की नींव आपसी भरोसे, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता होगी। सकारात्मक और टिकाऊ संबंधों को बनाए रखने के लिए इन तीन प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रखना जरूरी है। तब से, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री कई जटिल मुद्दों पर गहन चर्चा करने के लिए बीजिंग का दौरा कर चुके हैं।

सहयोगियों से लगातार खतरे की गहरी चिंता

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बीजिंग में पिछले महीने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक को संबोधित करते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के नामित आतंकी समूहों, जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल कायदा, आईएसआईएस और उनके सहयोगियों से लगातार खतरे की गहरी चिंता है। ये खतरनाक आतंकी संगठन, विशेष रूप से पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद भारत के लिए बड़ा खतरा हैं। 

विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की

पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भारत सरकार की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड को त्यागने तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों और संस्थाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया था।अपनी यात्रा के दौरान, डोभाल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो सदस्य और देश के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की थी।

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