नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
अवैध प्रवासियों की अमेरिका से वापसी के बीच संसद की एक स्थायी समिति ने विदेश जाने वाले युवाओं के लिए सोचना शुरू कर दिया है।संसद की एक स्थायी समिति ने विदेश जाने वाले युवाओं के लिए बोलते हुए कहा, कि सरकार एक ऐसे सक्षम ढांचा स्थापित करने के लिए नया कानून बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है, जो विदेश में रोजगार के लिए सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवासन को बढ़ावा देगा। अमेरिका से वापसी के मामले में केंद्र सरकार को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर काफी आक्रामक है। स्वयं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में इस मामले पर जवाब भी दिया है। परंतु विपक्ष उनके जवाब से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।
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'ओवसीज मोबिलिटी विधेयक
नया कानून बनाने का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित कर दिया है। प्रवासन से संबंधित प्रस्तावित 'ओवसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024 विदेश में रोजगार के लिए प्रवास करने के इच्छुक लोगों के आने-जाने को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से 1983 के प्रवासन अधिनियम को बदलने का प्रयास है। यह बात कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट से सामने आई है, जिसे गुरुवार को संसद में पेश किया गया।
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नया कानून बनाने पर गंभीरता से विचार
समिति ने कहा कि भारत में प्रवासन प्रक्रिया 1983 के प्रवासन अधिनियम द्वारा शासित होती है, जिसे विदेश मंत्रालय द्वारा प्रवासी महा संरक्षक (पीजीई) के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, "समसामयिक वैश्विक प्रवासन गतिशीलता और भारतीय नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, समिति ने वर्षों से उत्प्रवास अधिनियम 1983 के पुराने प्रावधानों को बदलने के लिए एक व्यापक विधायी बदलाव की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है।" इसमें कहा गया है, "बहुत देरी के बाद, मंत्रालय "ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024' शीर्षक से एक नया कानून बनाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’
मंत्रालय ने समिति को बताया है कि प्रस्तावित मसौदा संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श के अधीन है और उसके बाद इसे सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा जाएगा। समिति ने कहा है कि वह चाहती है कि विधेयक की मुख्य बातों पर परामर्श किया जाए और बदली हुई वैश्विक प्रवासन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाला एक संशोधित अधिनियम समयबद्ध तरीके से बनाया जाना चाहिए।
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