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Greater Noida Dowry Death: निक्की भाटी की मौत ने देश में दहेज हिंसा की भयावह हकीकत उजागर की

ग्रेटर नोएडा की निक्की भाटी दहेज हत्या ने एक बार फिर भारत में दहेज हिंसा की भयावह स्थिति को उजागर कर दिया है। NCRB रिपोर्ट 2022 के अनुसार, हर साल हजारों महिलाएं दहेज के नाम पर जान गंवा रही हैं।

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Dhiraj Dhillon
Nikki Bhati File photo (1)
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ग्रेटर नोएडा की 28 वर्षीय निक्की भाटी की दहेज हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश और “ऑन द स्पॉट” न्याय की मांग यह बात उजागर करती है कि भारत में दहेज के कारण होने वाली हिंसा कितनी गहरी और खतरनाक हो चली है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, उस साल 6,516 महिलाओं की मौत दहेज हत्या (IPC सेक्शन 304B) के तहत दर्ज हुई। यह आंकड़ा दुष्कर्म के बाद मारी गई महिलाओं की संख्या से 25 गुना ज्यादा है।

ज्यादातर महिलाएं अंत तक नहीं दर्ज करातीं एफआईआर

एनसीआरबी की रिपोर्ट यह भी बताती है कि दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के तहत मात्र 13,641 मामले दर्ज हुए, जबकि असल में इससे कहीं अधिक महिलाएं दहेज प्रताड़ना का शिकार होती हैं। इसका मतलब है कि ज्यादातर महिलाएं तब तक शिकायत दर्ज नहीं करातीं, जब तक स्थिति निक्की भाटी जैसी ‘नो रिकवरी प्वॉइंट’ तक न पहुंच जाए।

अदालतों की स्थिति भी चौंकाने वाली

न्याय की सच्चाई भी चौंकाने वाली है। 2022 के अंत तक देश की अदालतों में 60,577 दहेज हत्या के मामले लंबित थे। जिन 3,689 मामलों की सुनवाई पूरी हुई, उनमें से सिर्फ 33% में ही सजा हुई थी। वहीं साल 2022 में दर्ज 6,161 मामलों में केवल 99 मामलों में ही दोषसिद्धि हुई। यानी पीड़िता को एक साल में न्याय मिलने की संभावना 2% से भी कम है।

क्या कहती है मानव विकास सर्वेक्षण रिपोर्ट

दहेज प्रथा भारत का शायद सबसे सामान्यीकृत गैरकानूनी अपराध बन चुका है। भारत मानव विकास सर्वेक्षण (2004-05) के अनुसार, 24% परिवारों ने टीवी, फ्रिज, कार या बाइक जैसी वस्तुएं दहेज में दीं, जबकि 29% लोगों का मानना था कि दहेज न मिलने पर महिलाओं की पिटाई "सामान्य बात" है।

29 प्रतिशत विवाहित महिलाएं झेलती हैं हिंसा

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इसके अलावा, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2019-21) के मुताबिक, 29% विवाहित महिलाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने पति या पार्टनर से शारीरिक/यौन हिंसा झेली है। इनमें से 24% ने पिछले एक साल में ही इस हिंसा का सामना किया। अध्ययन बताते हैं कि जिन किशोरियों से दहेज मांगा गया, उनके साथ हिंसा होने की संभावना 3.6 गुना अधिक थी।

निक्की हत्याकांड के बारे में जानें

बता दें कि 21 अगस्त को ग्रेटर नोएडा के कासना थानाक्षेत्र में निक्की भाटी को उसके ससुरालवालों ने जिंदा जला दिया। बड़ी बात यह भी रही कि दहेज लोभियों ने निक्की के आठ साल के बेटे की आंखों क‌े आगे इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया। बुरी तरह झुलसी निक्की ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने पति समेत सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है

Greater Noida Nikki murder case | Greater Noida News

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