नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क : पहलगाम आतंकी हमले के उत्तर में पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों के विरुद्ध भारत के सैन्य अभियान आपरेशन सिंदूर को लेकर तुर्किये ने इस्लामाबाद का साथ दिया। तुर्किये के इस कदम को लेकर देश में उठी असंतोष की लहर के बीच भारत ने उसके विरुद्ध कठोर कदम उठाए हैं। यह सच है कि भारत आयात के मुकाबले निर्यात ज्यादा करता है, लेकिन तुर्किये की माली हालत और उत्पादन क्षमता को देखते हुए उसे भारी संकट का सामना पड़ने की आशंका है। तुर्किये से भारत तीन अरब डालर से ज्यादा का आयात करता है और बहिष्कार जारी रहा तो उसे इस बड़े बाजार में मिलने वाला लाभ बुरी तरह से प्रभावति होगा। आयात के अतिरिक्त भारत से उसे पर्यटन एवं अन्य क्षेत्रों में भी लाभ मिलते रहे हैं, जिसके ऊपर भी खतरा मंडराने लगा है।
हाल के वर्षों में देखा जा चुका है उतार-चढ़ाव
राजनीतिक तनाव के कारण हाल के वर्षों में भारत और तुर्किये के बीच व्यापार में उतार-चढ़ाव देखा जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 10.43 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत से 6.65 अरब डॉलर का निर्यात हुआ और 3.78 अरब डॉलर का आयात हुआ। अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक भारत ने तुर्किये को 5.2 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया, जबकि 2.84 अरब डॉलर का आयात हुआ। यह व्यापार भारत के कुल निर्यात का 1.5 % और आयात 0.5 % है। turkey news | india turkey relation | boycott turkey india | india turkey betrayal
भारत से तुर्किये को होने वाले निर्यात
भारत,
तुर्किये को विविध वस्तुओं का निर्यात करता है। निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में खनिज ईंधन और तेल (2023-24 में) 96 करोड़ डॉलर,
इंजीनियरिंग उत्पाद (मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, और विद्युत उपकरण) 2.75 अरब डॉलर,
कपड़ा और सूती धागा (सूती कपड़े और सिले-सिलाए वस्त्र),
रसायन (कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, फार्मास्यूटिकल्स)
के अलावा लोहा-स्टील, तिलहन, कीमती पत्थर, प्लास्टिक, रबर, और टैनिंग उत्पाद शामिल हैं।
तुर्की से भारत को होने वाले आयात
तुर्की से भारत कई महत्वपूर्ण वस्तुएं आयात करता है। होने वाले आयात में
खनिज तेल और पेट्रोलियम (2023-24 में 1.81 अरब डॉलर), मार्बल और पत्थर (भारत में आयातित मार्बल का 70% तुर्की से), सोना और कीमती मोती (लगभग 132 मिलियन डॉलर), कृषि उत्पाद सेब (1 करोड़ डॉलर), सूखे मेवे, जैतून का तेल के अलावा अकार्बनिक रसायन, नमक, प्लास्टर सामग्री, फ्लैट स्टील, टेक्सटाइल, सिरेमिक टाइल्स, और हथियार शामिल हैं।
भारतीय व्यापारियों ने तुर्किये के उत्पादों का बहिष्कार
भारत का तुर्की के साथ होने वाला व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) है, क्योंकि भारत इस देश से आयात के मुकाबले निर्यात ज्यादा करता है। हालांकि, तुर्किये का पाकिस्तान को समर्थन और कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी रुख के कारण हाल में "बॉयकॉट तुर्किये'' अभियान ने जोर पकड़ लिया है। इससे मार्बल, सेब, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आयात कम हुआ है। उदयपुर के मार्बल व्यापारियों और पुणे के सेब विक्रेताओं ने तुर्किये के उत्पादों का बहिष्कार शुरू किया है। भारत और तुर्किये के बीच व्यापार आर्थिक रूप से लाभदायक है, लेकिन राजनीतिक तनाव इसका भविष्य निर्धारित करेगा।