नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
देशभर में बढ़ती गर्मी के बीच, सभी की निगाहें इस साल के मानसून पर टिकी हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जो कृषि और जल संसाधनों के लिए सकारात्मक संकेत है।
अल नीनो और ला नीना का प्रभाव
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान में ENSO (El Niño-Southern Oscillation) तटस्थ स्थिति में है, और आगामी महीनों में अल नीनो या ला नीना की संभावना कम है। अल नीनो के दौरान प्रशांत महासागर के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे भारत में सूखा और कमजोर मानसून की स्थिति बनती है। वहीं, ला नीना के दौरान समुद्र का तापमान कम होता है, जिससे सामान्य से अधिक वर्षा होती है।
गर्मी और लू की चेतावनी
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। विशेष रूप से उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी भारत में लू (हीटवेव) की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
कृषि पर प्रभाव
सामान्य से अधिक मानसून वर्षा का पूर्वानुमान किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे खरीफ फसलों की बुवाई और उत्पादन में मदद मिलेगी। हालांकि, गर्मी के मौसम में उच्च तापमान के कारण गेहूं और अन्य रबी फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उनकी उपज में कमी आ सकती है।