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Justice Yashwant Verma cash scandal
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क |संसद के मानसून सत्र में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाया जा सकता है। किरेन रिजिजू के एक बयान ने इन संभावनाओं को हवा दे दी है। बता दें, संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। रिजिजू ने इसको लेकर मीडिया में कहा, “यह मामला न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इसलिए इसमें किसी भी राजनीतिक दल को अलग-अलग रुख अपनाने की जरूरत नहीं है। हम एकजुट रुख अपनाना चाहेंगे और पूरी संसद को इस विषय पर एकसाथ लाना होगा।”
Delhi: Union Minister Kiren Rijiju says, "We have initiated discussions with all political leaders. The impeachment of a sitting judge of the High Court or the Supreme Court can only be carried out by Parliament—this is solely within Parliament’s authority. Corruption in the… pic.twitter.com/gfneSfubDG
— IANS (@ians_india) June 4, 2025
वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार, 4 जून को कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्माके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीति की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाना आवश्यक है, और इसी उद्देश्य से उन्होंने प्रमुख नेताओं से चर्चा शुरू कर दी है।
न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश रहते हुए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास के स्टोररूम में कथित रूप से "जली हुई नकदी" मिलने के बाद मामला सुर्खियों में आया। इस मामले की जांच के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने 22 मार्च को एक तीन सदस्यीय आंतरिक समिति गठित की थी।
इस समिति में शामिल थे
- न्यायमूर्ति शील नागू (मुख्य न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट)
- न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया (मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट)
- न्यायमूर्ति अनु शिवरामन (जज, कर्नाटक हाई कोर्ट)
इस पैनल ने 3 मई को अपनी रिपोर्ट तैयार कर 4 मई को तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को सौंप दी। रिपोर्ट को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी भेजा गया है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति वर्मा ने 5 अप्रैल को, इन विवादों के बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
मानसून सत्र भी होगा चर्चा का मंच
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला सत्र होगा, जो भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस पृष्ठभूमि में, विपक्षी दल संसद में इस मुद्दे सहित अन्य कई राष्ट्रीय सुरक्षा और न्यायपालिका से जुड़े मामलों पर चर्चा की मांग कर सकते हैं। विपक्ष पहले ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर चर्चा की मांग कर चुका है, जिससे इस सत्र के हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है।
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