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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में अपनी बंगला निवास पर INDIA ब्लॉक के लगभग 25 पार्टियों के 50 से अधिक नेताओं के साथ विशेष डिनर बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने "इलेक्टोरल फ्रॉड" यानी मतदाताओं की सूची में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ एक सशक्त प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गौरव गोगोई ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य वोटिंग में हुई कथित धांधली पर एक साझा रणनीति तैयार करना था, जिसमें सभी नेताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया। इस बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के तीनों मुख्यमंत्री — सुखविंदर सिंह सुक्खू, रेवंत रेड्डी और सिद्धारमैया के अलावा विपक्ष के महत्वपूर्ण चेहरे जैसे शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, अभिषेक बनर्जी, उद्धव व आदित्य ठाकरे, अखिलेश व डिंपल यादव, तेजस्वी यादव, महबूबा मुफ्ती और प्रियंका गांधी वाड्रा भी उपस्थित थे
बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
बैठक में 5 प्रमुख बिंदुओं वाला खुलासा प्रस्तुत किया गया, जिसमें विशेष रूप से कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में हुई 1,00,250 वोटों की कथित धांधली का उदाहरण शामिल था। इसमें डुप्लिकेट वोटर, फर्जी एड्रेस, फोटो और फॉर्म 6 के दुरुपयोग जैसी अनियमितताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया
राहुल गांधी की रिपोर्ट के अनुसार
- लगभग 11,965 मतदाता नाम एक से अधिक बूथों पर दर्ज थे।
- 40,009 मतदाता ऐसे थे जिनके पते असत्यापित या अस्तित्वहीन थे।
- एक कमरे के घरों पर 50 से 80 तक मतदाता दर्ज थे—हालांकि वहां कोई रहता ही नहीं था।
- 4,132 मतदाताओं की प्रतिष्ठित फोटो उपलब्ध नहीं थी।
- 33,692 मामलों में 70-95 वर्ष उम्र भर के लोगों को फॉर्म 6 के जरिए "नए वोटर" दिखाया गया
राहुल गांधी का आरोप था कि चुनाव आयोग (ECI) बीजेपी की मदद कर रहा है ताकि चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद 33,000 वोटों से कम अंतर वाली 25 लोकसभा सीटों के कारण हासिल हुआ है
आंदोलन की घोषणा
बैठक में निर्णय लिया गया कि 11 अगस्त को ECI कार्यालय तक एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला जाएगा, जिसका उद्देश्य चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करवाना होगा इसके अलावा, भविष्य में बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। यह यात्रा अगस्त 17 से शुरू की जाएगी और इसे भ्रष्ट चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ विरोध और जागरूकता अभियान के रूप में देखा जा रहा है
पोल आयोग (EC) की प्रतिक्रिया
इस बीच कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से औपचारिक घोषणा और फर्जी मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं के नाम देने को कहा है ताकि वे आरोपों की सत्यता जांच सकें