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Iran-Israel Conflict में India निभा सकता है शांति की भूमिका: रक्षा विशेषज्ञ

ईरान और इजराइल के बीच जारी टकराव के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बक्षी ने कहा कि भारत, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस संकट में शांतिदूत की भूमिका निभा सकते हैं।

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Jyoti Yadav
India can play a peacemaker role in Iran Israel conflict Defense Expert

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान में मौजूद तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला कर संघर्ष को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। इस बीच, रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बक्षी ने भारत की संभावित भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस संघर्ष में मध्यस्थता कर दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण समाधान की ओर ले जा सकते हैं।

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भारत के लिए यह सतर्क रहने का समय

बक्षी ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “भारत के लिए यह सतर्क रहने का समय है। ईरान और इजराइल दोनों हमारे मित्र हैं। इजराइल से हमारा एक भावनात्मक रिश्ता भी है। एक शख्सियत के रूप में प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे को दोनों पक्षों के साथ उठाएंगे ताकि यह युद्ध खत्म हो।” उन्होंने अमेरिका के हमलों को ‘शिकार पर निकले शिकारी’ की तरह बताते हुए कहा कि अमेरिका अब गंभीर हो चुका है और वह ईरान को यह संदेश देना चाहता है कि अगर शांति नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। बक्षी ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ऐसे और हमले जारी रख सकते हैं, जैसा कि उन्होंने इराक में किया था।

चीन और रूस के लिए चेतावनी 

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बक्षी ने यह भी संकेत दिया कि ये हमले केवल ईरान को नहीं, बल्कि चीन और रूस जैसे ईरान समर्थक देशों के लिए भी एक चेतावनी हैं। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर 'सटीक हमले' करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में चेतावनी दी कि अगर तेहरान संतोषजनक शांति समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो आगे और कड़े कदम उठाए जाएंगे।

सबसे बड़ी त्रासदी होगी 

ट्रम्प ने अपने बयान में कहा, “या तो शांति होगी, या ईरान के लिए एक ऐसी त्रासदी, जो हमने पिछले आठ दिनों में भी नहीं देखी।” उन्होंने यह भी कहा, “यह यूं नहीं चल सकता। हम इस खतरनाक खतरे को मिटाने के लिए अब तक जितना साथ काम कर रहे हैं, वैसा शायद ही किसी टीम ने किया हो।”

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राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मंच पर अमेरिका की शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व मौजूद थी, जिनमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ शामिल थे। ट्रम्प की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब उन्होंने दो दिन पहले ईरान को कूटनीति के लिए दो हफ्तों की मोहलत देने की बात कही थी। 

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