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India-US Trade Dialogue: शिवराज बोले- किसानों के घाटे का सौदा नहीं करेगा भारत

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में किसानों के हित सर्वोपरि रहेंगे। अमेरिका को बाजार पहुंच देने से पहले भारत करेगा लाभ-हानि का आकलन।

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Dhiraj Dhillon
Shivraj Singh Chauhan

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में देश के किसानों के घाटे का कोई सौदा नहीं होगा। किसान हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारतीय कृषि बाजार तक अधिक पहुंच देने के मुद्दे पर भारत अपनी लाभ और हानि का पूरा विश्लेषण करेगा और बिना सोच-समझे कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

'हमारी प्राथमिकता किसानों की सुरक्षा है'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवराज सिंह ने एक विशेष इंटरव्यू के दौरान कहा-हमारी प्राथमिकता किसानों की सुरक्षा है। भारत आंख बंद करके कोई फैसला नहीं करेगा। हम हर पहलू पर गहराई से विचार करेंगे और फिर कोई निर्णय लेंगे।यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका भारत से अपने कृषि और बागवानी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है। दोनों देशों के बीच दिल्ली में चल रही व्यापार वार्ता में सितंबर से अक्टूबर 2025 के बीच पहले चरण का समझौता संभव है।

भारत की सतर्कता जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत जारी है, लेकिन किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखा जाएगा। उन्होंने कहा-जब दो देशों के बीच व्यापार समझौते होते हैं, तो हमें समग्र व्यापारिक संतुलन देखना होता है, लेकिन किसानों का हित सर्वोपरि है।

कृषि व्यापार का आंकलन

नीति आयोग की रिपोर्ट 'नई अमेरिकी व्यापार नीति के तहत भारत-अमेरिका कृषि व्यापार को बढ़ावा' के अनुसार, 2021 से 2024 तकअमेरिका ने भारत को करीब 2.22 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद निर्यात किए।भारत ने अमेरिका को 5.75 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद भेजे।भारत के प्रमुख निर्यातों में फ्रोजन झींगा, बासमती चावल, मसाले, प्रोसेस्ड अनाज शामिल हैं। वहीं, अमेरिका भारत को मकई, सोयाबीन और पशु आहार जैसी वस्तुएं भेजना चाहता है, जिन पर भारत में उच्च आयात शुल्क (39-50%) लागू है।

अमेरिकी दबाव बनाम भारतीय कृषि हित

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अमेरिका चाहता है कि भारत इन शुल्कों को घटाए और अपने बाजार को अमेरिकी उत्पादों के लिए अधिक खोल दे। लेकिन भारत, विशेषकर डेयरी और ग्रामीण क्षेत्रों को वैश्विक कीमतों के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए सतर्क है।यदि भारतीय बाजार में अमेरिकी उत्पादों की अधिक एंट्री होती है, तो घरेलू किसानों पर असर पड़ सकता है, इसलिए सरकार कोई भी कदम सोच समझकर उठाने की बात कह रही है।

किसान हितों से कोई समझौता नहीं होगा

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का स्पष्ट संदेश है- किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। भारत और अमेरिका के बीच कृषि व्यापार पर बातचीत भले ही तेज हो रही हो, लेकिन भारत के लिए प्राथमिकता अपने किसानों की सुरक्षा और आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था को बनाए रखना है। 
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