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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत ने अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में जवाबी शुल्क (retaliatory duties) लगाने का प्रस्ताव रखा है। भारत का यह कदम अमेरिका की व्यापारिक नीतियों से प्रभावित घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए उठाया गया है। WTO द्वारा जारी बयान के अनुसार, "इन सुरक्षा उपायों से भारत में उत्पादित स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर अमेरिका में 7.6 अरब डॉलर का आयात प्रभावित होगा, और इन पर 1.91 अरब डॉलर टैरिफ एकत्रित होगा।" इसके जवाब में भारत ने अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर समान शुल्क लगाने की योजना बनाई है।
अमेरिका ने 8 मार्च 2018 को कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत टैरिफ लगाकर सुरक्षा उपाय लागू किए थे। यह निर्णय 23 मार्च 2018 से प्रभावी हुआ और जनवरी 2020 में इसे बढ़ाया गया। 10 फरवरी 2025 को अमेरिका ने फिर से इन उपायों में संशोधन किया, जो 12 मार्च 2025 से अनिश्चित काल तक लागू किए गए हैं। भारत ने इस निर्णय के खिलाफ अप्रैल 2025 में WTO के सुरक्षा समझौते के तहत अमेरिका से औपचारिक परामर्श मांगा था। लेकिन अमेरिका ने इस टैरिफ को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बताकर किसी भी राहत को खारिज कर दिया। विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा अगर लंबे समय तक बना रहा, तो इसका असर भारत की मेटल निर्यात रणनीति और बाजार में निवेश धारणा पर पड़ सकता है।
इस खबर के बीच मंगलवार को मेटल सेक्टर के शेयरों में हलचल देखी गई:
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