नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत में एक नई राजनीतिक बहस छिड़ गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया है कि अमेरिका के सैकड़ों विमान पाकिस्तान के एयरस्पेस में उड़ान भर रहे हैं। इससे यह संदेह गहराया है कि पाकिस्तान ने अमेरिका को ईरान के खिलाफ सैन्य अभियानों के लिए अपनी हवाई सीमा का इस्तेमाल करने की छूट दी है।
निशिकांत दुबे ने किया पलटवार
इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने जयराम रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए पूछा, "कभी प्लेन का रडार चेक किया है?" उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा, "क्या हम भी आपके जैसे चमचों में शामिल हो जाएं? यह मोदी का भारत है, और हम एक सार्वभौमिक राष्ट्र हैं।"
असीम मुनीर को डिनर पर बुलाए जाने पर सरकार को घेरा
जयराम रमेश ने आगे एक और बड़ा सवाल उठाया, उन्होंने
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डिनर पर बुलाए जाने को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। जयराम रमेश ने कहा कि, "22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सीधा संबंध असीम मुनीर के उस बयान से है जो उन्होंने पहले दिया था। अब वही व्यक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहा है, जबकि भारत का प्रतिनिधिमंडल सिर्फ उपराष्ट्रपति से मिल सका।"
सर्वदलीय बैठक में बताएं- ट्रंप से क्या बात हुई
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हाल ही में हुई 35 मिनट की बातचीत को लेकर भी सरकार पारदर्शिता नहीं दिखा रही। "ट्रंप के बयान और भारत सरकार की जानकारी में जमीन-आसमान का फर्क है। जयराम रमेश ने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलाकर बताना चाहिए कि
बातचीत में क्या हुआ।" इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी बहस तेज है। कई यूजर्स ने सरकार समर्थक मीडिया और नेताओं से असली सवालों पर बात करने की मांग की है।
अमित मालवीय का जयराम रमेश पर करारा वार
भाजपा नेता और आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी जयराम रमेश पर करारा वार किया है। उन्होंने कहा- जयराम रमेश भी राहुल गांधी की तरह जन्मजात झूठे हैं। वह कह रहे हैं कि विदेश सचिव और अमेरिकी बयान मेल ही नहीं खाता जबकि अमेरिका से इस मुद्दे पर कोई बयान जारी ही नहीं किया गया, वे एक पुराना बयान उठाए फिर रहे हैं। कांग्रेस और उसकी ट्रोल सेना को तथ्य हजम नहीं होते। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प से स्पष्ट शब्दों में कहा - भारत को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की न तो आवश्यकता है और न ही वह इसे स्वीकार करता है।
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