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Modi Master Stroke: मोदी के एक ही वार से कांग्रेस और विपक्षी दल चारों खाने चित्त, सीजफायर की सच्चाई सामने आई

जी-7 शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद पीएम मोदी ने ट्रंप से बात की। इस बातचीत के बाद कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के इन आरोपों की हवा निकल गई है, जो भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में ट्रंप की भूमिका का हवाला देकर मोदी और उनकी सरकार को निशाना बना रहे थे।

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Mukesh Pandit
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Pm modi & Trump

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की। उन्होंने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने में किसी मध्यस्थता या व्यापार समझौते की कोई भूमिका नहीं थी। कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद पीएम मोदी ने ट्रंप से बात की। इस बातचीत के बाद कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के इन आरोपों की हवा निकल गई है, जो भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में ट्रंप की भूमिका का हवाला देकर मोदी और उनकी सरकार को निशाना बना रहे थे। दोनों नेताओं के बीच बातचीत सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है।

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दोनों के बीच 35 मिनट हुई बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच करीब 35 मिनट की फोन बातचीत के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सीजफायर पर तस्वीर बिल्कुल साफ हो चुकी  है। मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी, और यह फैसला भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीधे संवाद से हुआ। इस बयान ने न सिर्फ कूटनीति स्तर पर भारत की धमक सुनाई देती है, देश की राजनीति में मोदी की छवि में और निखार आएगा। सीजफायर के बाद कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भोपाल में एक सभा में आरोप लगाया कि ट्रंप के एक फोन कॉल पर मोदी ने "सरेंडर" कर दिया, और 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की दृढ़ता की तुलना में मोदी को कमजोर दिखाने की कोशिश की। यह बयान भाजपा के लिए एक मौका बन गया, जिसने कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी बयानबाजी का आरोप लगाया।

भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का प्रदर्शन

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निसंदेह मोदी का यह बयान भारत की विदेश नीति की स्वायत्तता को दर्शाता है। भारत ने हमेशा भारत-पाकिस्तान मुद्दों में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया है। ट्रंप के दावे को खारिज करके मोदी ने यह संदेश दिया कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय नीतियों में किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। यह भारत की बढ़ती वैश्विक हैसियत और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियां अक्सर अप्रत्याशित और विरोधाभासी रही हैं। उनके बयान में सीजफायर को व्यापारिक कूटनीति से जोड़ने की कोशिश ने भारत में विवाद को जन्म दिया। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप ने यह दावा अमेरिका के भू-राजनीतिक हितों, जैसे पाकिस्तान को चीन के प्रभाव से दूर करने और मध्य पूर्व में प्रभाव बढ़ाने के लिए किया। हालांकि, भारत ने इसे सिरे से खारिज कर अपनी संप्रभुता को प्राथमिकता दी।

भाजपा हुई हमलावर, कहा कांग्रेस बेनकाब

 इस घटनाक्रम ने भारत में सियासी तापमान बढ़ा दिया  है। भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया साइड एक्स पर पोस्ट डाली है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के "सरेंडर" वाले बयान को सरकार की छवि खराब करने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कांग्रेस के बयानों को राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का प्रयास बताया। ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के रूप में पेश किया गया, और मोदी के नेतृत्व में भारत की सैन्य ताकत को रेखांकित किया गया। भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मोदी का ट्रंप के दावे को खारिज करना भारत की संप्रभुता और स्वतंत्र नीति को दर्शाता है, जबकि कांग्रेस का हमला और भाजपा का पलटवार घरेलू राजनीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की संवेदनशीलता को उजागर करता है। इसके अलावा, भाजपा ने कांग्रेस के शासनकाल में आतंकवाद के खिलाफ कमजोर रुख को निशाने पर लिया।

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चुनाव में असर पड़ेगा

सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार दिए जाने वाले बयानों से मोदी और भाजपा सरकार जिस तरह असहज महसूस कर रही थी, नए बयान के बाद भाजपा में नयी शक्ति का संचार होगा। राजनीतिक जानकारों कोमानना है कि 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों और भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों पर भी असर डाल सकता है। भाजपा अपनी मजबूत छवि को बनाए रखने की कोशिश करेगी, और कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास जारी रखेगी। ट्रंप के बयानों के बाद भाजपा के प्रवक्ता न्यूज चैनलों पर खुद को असहज महसूस कर रहे थे, निश्चित ही अब उनकी रणनीति में बदलावा आएगा और वे ज्यादा आक्रामक ढंग से अपनी बात डिबेट में रख पाएंगे। कुल मिलाकर यह मोदी का ऐसा मास्टर स्ट्रोक है, जिसने न सिर्फ उन्हें घेरने की कांग्रेस की रणनीति को बेनकाब कर दिया है, अपनी पार्टी की गिरती छवि को भी बखूबी बचा लिया है। modi | bjp modi | DonaldTrump | donald trump news

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