Advertisment

अंतरिक्ष में विकसित देशों के साथ खड़ा है भारत, इसरो अध्यक्ष V. Narayanan ने कही यह बड़ी बात

इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 में घोषणा की कि भारत अब अंतरिक्ष तकनीक में विकसित देशों के बराबर खड़ा है। भारत के पास 55 से अधिक अंतरिक्ष अनुप्रयोग हैं, जिनमें टीवी प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान, और नागरिक सुरक्षा शामिल हैं।

author-image
Ranjana Sharma
BeFunky-collage - 2025-08-22T131007.321
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्‍क: राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में शुक्रवार को इसरोअध्यक्ष वी. नारायणन ने भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं और उपलब्धियों को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब अंतरिक्ष तकनीक में उन देशों की कतार में खड़ा है, जिन्होंने दशकों से इस क्षेत्र में वर्चस्व कायम किया हुआ था। उद्घाटन भाषण में वी. नारायणन ने कहा, “अंतरिक्ष अनुप्रयोगों को जमीनी स्तर तक पहुँचाने की हमारी यात्रा में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आज हमारे पास 55 से अधिक अंतरिक्ष अनुप्रयोग हैं जिसमें टेलीविजन प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान से लेकर नागरिक सुरक्षा तक शामिल हैं।

NISAR बना दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट

उन्होंने जानकारी दी कि भारत ने हाल ही में 30 जून को नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार उपग्रह को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। यह उपग्रह न केवल दुनिया का सबसे महंगा उपग्रह है, बल्कि इसकी पूर्ण डिज़ाइन और निर्माण इसरो द्वारा किया गया है। इसे भारत के ही रॉकेट से बेहद सटीकता के साथ अंतरिक्ष में स्थापित किया गया। इसरो अध्यक्ष ने बताया कि भारत ने इस वर्ष 29 जनवरी 2025 को अपने 100वें रॉकेट प्रक्षेपण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रा की एक बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही, भारत उन चार देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने कक्षा में दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक और अनडॉक करने की अत्याधुनिक तकनीक हासिल की है।

मानव अंतरिक्ष मिशन की बड़ी छलांग

नारायणन ने यह भी उल्लेख किया कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देशन में भारत ने शुभांशु शुक्ला को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा, जो देश के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि आज चंद्रमा की कक्षा में उपलब्ध सबसे उन्नत कैमरा भारत का ही है, जो देश की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता का प्रमाण है।

भारत 2047 का संकल्प

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के संसाधनों का उपयोग करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतरिक्ष कार्यक्रम अब सिर्फ सरकारी नहीं रह गया है, बल्कि इसमें निजी निवेश और नवाचार भी उतने ही जरूरी हो गए हैं। उन्होंने समापन में कहा, “हम आज सुधार की निरंतरता सुनिश्चित करने और अपने परिचालन अनुप्रयोगों को अधिक सटीक, उत्तरदायी और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। हमें स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने से पहले भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प — ‘विकसित भारत 2047’ — में अपना योगदान देना है।

मुख्य बातें 

Advertisment
  • भारत के पास 55+ अंतरिक्ष अनुप्रयोग
  • NISAR: दुनिया का सबसे महंगा उपग्रह, भारत में निर्मित
  • 29 जनवरी 2025 को 100वां रॉकेट लॉन्च
  • दो उपग्रहों की सफल डॉकिंग और अनडॉकिंग
  • चंद्रमा की कक्षा में भारत का सर्वश्रेष्ठ कैमरा
  • अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का सफल मिशन
  • निजी क्षेत्र की भूमिका को बताया अहम
  • विकसित भारत 2047 के विज़न में अंतरिक्ष का योगदान
ISRO ISRO chairman V Narayanan
Advertisment
Advertisment