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जानिए सिक्सर किंग से धाकड़ नेता और अब YouTuber बने Navjot Singh Sidhu के अर्श से फर्श पर पहुंचने की कहानी

चार साल पहले के एक वाकये को याद करें तो ये ही सिद्धू थे जिन्होंने प्रेस कांफ्रेंस अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ की थी। इसके बाद का वाकया सब को पता है। किस तरह से सिद्धू सूबाई प्रधान बने और अमरिंदर को उखाड़ फेंका।

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Shailendra Gautam
Navjot singh sidhu
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नई दिल्ली। नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में पंजाब के अमृतसर में अपना  YouTube चैनल लांच करने का ऐलान किया तो इसके पीछे उनकी बेचारगी साफ तौर पर दिखी। वो खुद को आवाज देने के लिए एक मंच तैयार कर रहे हैं। वो नवजोत सिद्धू जिनकी पहचान उनके बोलने के लिए ही थी। तकरीबन चार साल पहले के एक वाकये को याद करें तो ये ही सिद्धू थे जिन्होंने ऐसी ही एक प्रेस कांफ्रेंस अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ की थी। उसके बाद का वाकया सभी को पता है। किस तरह से सिद्धू पार्टी के सूबाई प्रधान बने और अमरिंदर को उखाड़ फेंका। लेकिन आज उनके साथ पार्टी ही नहीं खड़ी हो रही। वैसे क्रिकेटर से राजनेता और अब You Tuber बने सिद्धू के सफर पर निगाह डाली जाए तो एक बात साफ दिखती है कि जिसने उनको रुतबा दिया उन्होंने उसकी ही जगहंसाई करा दी। : Indian politics news | India Politics | cricket politics 

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कपिलदेव की मेहरबानी से 1983 में पहली बार बने थे टीम इंडिया का हिस्सा

सिद्धू के क्रिकेट करियर का अगाज 1983 में हुआ था। उनका परिवार कपिलदेव के काफी करीब था। कपिल ने ही वीटो के जरिये उनको वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में जगह दी थी। वो सीरिज सिद्धू के लिए बुरा सपना रही। वो खासे नाकाम रहे और जब कपिल से कप्तानी छीनी गई तो सिद्धू को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उसके बाद उनके फिर से टीम इंडिया में जगह कपिलदेव ने ही अपनी कप्तानी में दी। 1987 के रिलायंस विश्व कप में उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से प्रभावित होकर कपिलदेव ने ही उनको सिक्सर किंग का नाम दिया था। बाद के तौर में वो भारतीय टीम के ओपनर के तौर पर खेलते रहे। 

सिद्धू की वजह से कपिलदेव की ही हो गई थी जग हंसाई

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जिन कपिलदेव ने सिद्धू को अपने दम पर टीम इंडिया में खिलाया, वो उनकी ही रुसवाई की वजह बन गए। 2000 में कपिल इंडिया टीम के कोच थे। तभी अचानक मनोज प्रभाकर ने ये कहकर सनसनी फैला दी कि कपिल ने उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ कमतर प्रदर्शन करने की एवज में 25 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी। सारे देश में बवंडर मच गया। हालांकि प्रभाकर की विश्वसनीयता हमेशा से सवालों के घेरे में रही थी। इस वजह से लोग उनकी बात का यकीन नहीं कर रहे थे। लेकिन तभी तहलका के स्टिंग आपरेशन का एक वीडियो सामने आया। इसमें प्रभाकर सिद्धू के घर में थे। दोनों कपिल के बारे में बात कर रहे थे। सिद्धू कपिल को चाचा 25 लाख का नाम दे रहे थे। वीडियो के सामने आने के बाद कपिलदेव की हर तरफ जगहंसाई हुई। उस सिद्धू की वजह से जिसको उन्होंने वीटो लगाकर टीम में शामिल कराया था। 

अरुण जेटली को मानते थे राजनीतिक गुरु, उनको ही हरवा दिया

सिद्धू की सियासी पारी का आगाज दिवंगत अरुण जेटली की वजह से हुआ था। जेटली ने ही 2004 में उनको बीजेपी की टिकट दिलाई थी। उनको अमृतसर से टिकट दिया गया। रघुनंदन लाल भाटिया को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराकर वो जीते और कद्दावर नेता बन गए। वो इस सीट से 3 बार सांसद बने। अरुण जेटली को वो अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। लेकिन 2014 में जब जेटली को उनकी सीट से बीजेपी ने टिकट दे दिया तो वो उनसे ही नाराज हो गए। यहां तक कि चुनाव प्रचार में शिरकत करने भी नहीं गए। जेटली चुनाव हार गए। सिद्धू की वजह से उनकी जमकर जगहंसाई हुई। 2017 में उन्होंने बीजेपी को ही छोड़ दिया।

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राहुल और प्रियंका गांधी को सरेआम रुसवा कर डाला

सिद्धू 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। पहले वो कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना बड़ा भाई मानते थे, लेकिन 2021 आते-आते वो उनके लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गए। सिद्धू को अमरिंदर ने तकरीबन हाशिए पर ला खड़ा किया था। राहुल और प्रियंका गांधी ने उनके सिर पर हाथ रखा और पंजाब कांग्रेस का चीफ बना दिया। वो अमरिंदर को हटाने की मुहिम चलाते रहे। उनका इरादा खुद सीएम बनने का था। जब सीएम की कुर्सी चरणजीत सिंह चन्नी को मिल गई तो वो हत्थे से उखड़ गए। 18 जुलाई, 2021 को उन्हें पंजाब कांग्रेस की कमान मिली थी। महज 2 महीने बाद 28 सितंबर, 2021 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम ने राहुल और प्रियंका गांधी को सरेआम रुसवा कर डाला। पार्टी की छवि धूमिल हुई सो अलग। सिद्धू चाहे बीजेपी में थे या फिर कांग्रेस। उनकी ख्वाहिश सीएम बनने की ही रही। कुर्सी नहीं मिली तो वो बागी होते चले गए। चुनाव सिर पर थे पर वो रोजाना कभी ट्विटर और कभी पब्लिक प्लेटफार्म से सवाल उठा रहे थे कि चुनाव बाद पंजाब का सीएम कौन बनेगा। उनकी हरकतों के चलते पार्टी चुनाव ही गंवा बैठी। वो खुद भी अमृतसर ईस्ट से आप की जीवन जोत कौर से चुनाव हार गए। 

रोडरेज के मामले में जेल जाते ही सबकुछ हुआ खत्म

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कांग्रेस चुनाव में हारी तो आलाकमान सिरे से हिल गया। उन्होंने सिद्धू को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया। उनको तवज्जो देनी बंद कर दी गई। यहीं से उनके बुरे दिन शुरू हुए। अलबत्ता उनके लिए सबसे ज्यादा झटका देने वाला लम्हा वो रहा जब 1988 के रोडरेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में उनको 1 साल की सजा सुना दी। वो पटियाला की जेल में गए। अप्रैल 2023 में जब बाहर निकले तो सारा मंजर बदला बदला था। जेल से बाहर आने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उनसे पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया। कपिल शर्मा के शो में जगह नहीं मिली तो अब आईपीएल में कमेंट्री पैनल से भी बाहर हैं। सहारा केवल एक है You Tube।

 

 

 

 

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