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Online Shopping में बढ़ती ‘डार्क पैटर्न’ की चालें: सस्ता दिखाकर महंगा बेचने का नया तरीका, सरकार ने दी चेतावनी

ऑनलाइन शॉपिंग में कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ‘डार्क पैटर्न’ नाम की तरकीबें अपना रही हैं। इसमें प्रोडक्ट को सस्ता दिखाकर फाइनल पेमेंट के समय छिपे हुए चार्ज जोड़ दिए जाते हैं।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: आज के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी है। लोग अब ग्रोसरी से लेकर गैजेट तक सब कुछ ऑनलाइन ही खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपने ध्यान दिया है कि कई बार किसी प्रोडक्ट की शुरुआती कीमत सस्ती लगती है, जबकि फाइनल पेमेंट के वक्त वही कीमत अचानक बढ़ जाती है?

क्या है ‘डार्क पैटर्न’?

दरअसल, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की ट्रिक्स का इस्तेमाल करती हैं। इनमें से एक है ‘डार्क पैटर्न’, जिसके जरिए असली कीमत को छिपाकर यूजर्स को भ्रमित किया जाता है। अक्सर ग्राहक सस्ती कीमत देखकर प्रोडक्ट को कार्ट में जोड़ लेते हैं, लेकिन जैसे ही वे पेमेंट पेज पर पहुंचते हैं, टैक्स, डिलीवरी चार्ज या अन्य छिपे हुए शुल्क जोड़ दिए जाते हैं। परिणामस्वरूप कुल कीमत बढ़ जाती है।

सरकार ने दी चेतावनी

इस तरह की भ्रामक प्राइसिंग को लेकर भारत सरकार की उपभोक्ता मामलों की एजेंसी ने चेतावनी जारी की है। ‘@jagograhakjago’ नाम के X (पहले ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट में उपभोक्ताओं से कहा गया है कि अगर उन्हें किसी वेबसाइट या ऐप पर ऐसा ‘डार्क पैटर्न’ दिखाई दे, तो तुरंत कंज्यूमर हेल्पलाइन पर शिकायत करें। कैसे करते हैं ग्राहक को भ्रमित अक्सर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स सेल बैनर में उत्पादों को भारी छूट के साथ दिखाते हैं। उदाहरण के लिए, कोई स्मार्टफोन ₹33,999 में दिखाया जा सकता है, लेकिन जब उस पर क्लिक किया जाता है, तो असली कीमत ज्यादा होती है। नीचे छोटे अक्षरों में लिखा होता है सभी ऑफर्स और बैंक डिस्काउंट शामिल हैं जो असल में कीमत को स्पष्ट नहीं करता। इसी तरह, कुछ वेबसाइट्स टाइमर, हिडन कॉस्ट या फोर्स कंटीन्यूटी (फ्री ट्रायल के बाद ऑटो पेमेंट) जैसी तरकीबों से ग्राहक पर दबाव बनाती हैं कि वे जल्द निर्णय लें।

कैसे बचें इन चालों से

  • डार्क पैटर्न को पहचानना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ी सावधानी जरूरी है।
  • किसी भी ऑफर या टाइमर पर जल्दबाजी में क्लिक न करें।
  • सभी टर्म्स एंड कंडीशंस को ध्यान से पढ़ें।
  • पेमेंट से पहले अंतिम कीमत की जांच करें।
  • फ्री ट्रायल खत्म होने से पहले ऑटो पेमेंट बंद कर दें।

सावधानी ही सुरक्षा

डिजिटल शॉपिंग के इस युग में कंपनियां हर संभव तरीके से उपभोक्ताओं का ध्यान खींचने की कोशिश करती हैं। ऐसे में सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। याद रखें अगर कोई ऑफर “बहुत अच्छा लग रहा है”, तो उसमें कोई न कोई चाल जरूर हो सकती है।
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