नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत ने एक बार फिर आतंक के गढ़ों पर करारा प्रहार किया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की हत्या के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ा जवाबी हमला किया। तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक की गई
जैश और लश्कर के हेडक्वार्टर तबाह
इस बार भारत ने खास रणनीति अपनाते हुए पाकिस्तान की सीमा पार किए बिना ही, बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के मुख्यालयों को नष्ट कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, इन हमलों में किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है, केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया।
पहले छोड़े गए ठिकानों पर भी अब कार्रवाई
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार,
ऑपरेशन सिंदूर में दो ऐसे ठिकानों को भी निशाना बनाया गया जो पहले बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान रडार पर थे, लेकिन उस समय हमला नहीं किया गया था। इनमें बहावलपुर और कोटली शामिल हैं। अब इन ठिकानों पर हमला यह दर्शाता है कि भारत इस बार आतंकवाद के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में है।
सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू संभाग में अलर्ट
ऑपरेशन सिंदूर के बाद एहतियात के तौर पर जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ में सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और आज सुबह 10 बजे एक आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
TRF ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। इस हमले में पर्यटकों को निशाना बनाया गया था और इसमें एक स्थानीय व्यक्ति समेत 28 लोगों की मौत हुई थी। पाकिस्तानी मीडिया और अधिकारियों ने केवल तीन ठिकानों- बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद पर हमले की पुष्टि की है, जबकि भारत के अनुसार कुल 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया है।