नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक को आरोपी व्यक्ति को दस्तावेजों की पढ़ने योग्य प्रतियां मुहैया कराने में देरी को लेकर पेश होने के लिए समन जारी किया है। विशेष न्यायाधीश अपर्णा स्वामी ने ईडी के निदेशक को समन जारी कर उन्हें जांच अधिकारी (आईओ) के साथ पेश होने और आरोपी व्यक्तियों को मुहैया कराए जाने वाले दस्तावेजों की स्थिति से अवगत कराने को कहा है।
88 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई
अदालत मेसर्स यूनिकॉन सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ 88 करोड़ रुपये के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की सुनवाई कर रही है। यह मामला दस्तावेजों की जांच के चरण में है। अदालत ने कहा कि ED के लिए विशेष लोक अभियोजक (SPP) साइमन बेंजामिन अदालत में पेश होने में विफल रहे, वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी मौजूद नहीं हैं। हालांकि, ईडी के उप निदेशक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहे हैं।
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कोर्ट ने जारी किया आदेश
कोर्ट ने कहा कि बार-बार स्थगन के बावजूद, ED आरोपियों को अपना बचाव करने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रही। अदालत ने 25 जनवरी को पारित आदेश में निर्देश दिया कि 28 मार्च 2024 के आदेश पत्रों से देखी गई सुपाठ्य प्रतियां प्रदान करने के संबंध में प्रस्तुतियों और मामले में देरी के मद्देनजर, यह अदालत ईडी के निदेशक को जांच अधिकारी के साथ अदालत में उपस्थित होने और आरोपी व्यक्तियों को प्रदान किए जाने वाले दस्तावेजों की स्थिति लिखित रूप में देने का निर्देश देना उचित समझती है।
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कौन हैं 88 करोड़ के घोटाले में आरोपी?
ED ने आरोपी मेसर्स यूनिकॉन सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यूनिकॉन फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यूनिकॉन फाइनेंशियल इंटरमीडियरीज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यूनिकॉन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स आई360 स्टाफिंग एंड ट्रेनिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, गजेंद्र नागपाल, राम मोहन गुप्ता, सोनिया नागपाल, विकास मल्लन, संदीप अरोड़ा और नीरज ग्रोवर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। भारतीय सुरक्षा और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 08 अक्टूबर 2016 को पटियाला हाउस कोर्ट, नई दिल्ली में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, जो सेबी अधिनियम 1992 की धारा 27 के साथ धारा 24(1) के तहत दंडनीय है।
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