नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
2011 तक देश में हर दस साल में जनगणना की जाती थी, उसी के आंकड़ों के आधार पर तमाम कार्यक्रम तैयार किए जाते थे, लेकिन भाजपा सरकार ने जनगणना ही नहीं कराई तो आंकड़े कहां से आएंगे और आंकड़ों के बिना बनाए गई योजनाएं कितनी उपयोगी होंगी, समझ नहीं आता। यह बातें कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कही हैं। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह जनगणना में अनावश्यक देरी कई सामाजिक नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावित कर रही है, यह ठीक नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक खबर साझा करते हुए कहा है कि दशकीय जनगणना 2021 से लंबित है।
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जन्म और मृत्यु दर पर भी पर्दा
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए कहा है कि जनगणना 2021 से लंबित है, आगे कब होगी, इस बारे में भी कोई जानकारी सरकार नहीं दे रही है। जयराम रमेश ने कहा है कि देश में जन्म और मृत्यु दर पर भी कोई रिपोर्ट सरकार ने जारी नहीं की है। पिछले पांच वर्षों से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसी कोई रिपोर्ट जारी नहीं की है जिससे सामाजिक ढांचे को लेकर जानकारी मिल सके। बड़ी बात तो यह है कि हमें अपने देश की जन्म और मृत्यु दर की भी जानकारी नहीं है। जयराम रमेश ने कहा कि सरकार जनगणना में अनुचित देरी कर रही है, इससे कई सामाजिक नीतियों और कार्यक्रमों को नुकसान हो रहा है।
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अनुसूचित जातियों के साथ हाे रहा अन्याय
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि जनगणना में जो आंकड़े सामने आते हैं, उन्हीं के आधार पर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण और खाद्य सुरक्षा अधिकार सुरक्षित किए जाते हैं, आंकड़ो के बिना उनके खिलाफ अन्याय हो रहा है, बता दें कि कांग्रेस ने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में दशकीय जनसंख्या जनगणना के लिए धन जारी करने का जिक्र न करते हुए इस मामले में निराशा को जन्म दे दिया।
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जनगणना न होना सरकार की विफलता
कांग्रेस ने कहा था कि समय पर जनगणना न होने से सरकार की विफलता से राज्य की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठते हैं और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जयराम रमेश ने कहा था कि सरकार सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना से बच रही है, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि 2021 से लंबित जनगणना के लिए इस बार भी बजट न रखे जाने से साफ है कि 2025 में भी जनगणना नहीं होने वाली। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार हुआ है कि सरकार समय पर जनगणना नहीं करा पा रही है।