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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। इस बार उन्होंने भारत के रूसी तेल आयात को लेकर न केवल आर्थिक आलोचना की, बल्कि भारतीय समाज के एक विशेष वर्ग, ब्राह्मणों, पर मुनाफाखोरी का गंभीर आरोप भी लगाया है।
ब्राह्मण पर की विवादित टिप्पणी
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने दावा किया कि भारतीय रिफाइनरियां सस्ता रूसी तेल खरीदकर उसे प्रोसेस कर विदेशों में ऊंचे दामों पर बेच रही हैं और इसका लाभ कथित तौर पर भारत के ब्राह्मण वर्ग को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब क्रेमलिन के लिए एक 'लॉन्ड्रॉमैट' बन गया है, जहां रूसी तेल को रिफाइन कर के ऊंची कीमत पर निर्यात किया जा रहा है। नवारो ने कहा कि इस व्यापार से भारत का आम नागरिक नुकसान में है जबकि एक खास वर्ग ब्राह्मण फायदा उठा रहा है। ब्राह्मण भारतीयों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं, और यह सिलसिला अब बंद होना चाहिए।
भारत टैरिफ का महाराजा है
अमेरिकी करदाताओं पर बोझ की बात करते हुए नवारो ने कहा कि भारत की रूस से तेल खरीद की वजह से अमेरिका को यूक्रेन को आर्थिक सहायता देनी पड़ रही है, और इसका असर अमेरिकी मजदूरों, उपभोक्ताओं और टैक्सपेयर्स पर पड़ रहा है। भारत की उच्च टैरिफ नीति को लेकर भी नवारो ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत टैरिफ का महाराजा है। वे दुनिया में सबसे ऊंचे आयात शुल्क लगाते हैं, जबकि हमें अपना माल वहां भेजने में दिक्कत होती है। इससे अमेरिकी मजदूरों को नुकसान और भारत को फायदा होता है।
मोदी क्यों हैं पुतिन और जिनपिंग के करीब?
पीटर नवारो ने पीएम नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के नेताओं से नजदीकी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन अगर भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो उसे तानाशाही ताकतों से दूरी बनाकर लोकतंत्रों का साथ देना चाहिए। नवारो की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन पहुंचे हैं। वहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह पिछले सात वर्षों में मोदी की पहली चीन यात्रा है।
भारत पर पहले भी निशाना साध चुके हैं नवारो
पीटर नवारो वही शख्स हैं जिन्होंने ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत पर 50% टैरिफ लगाने की नीति को आगे बढ़ाया था। वे पहले भी भारत पर यह आरोप लगा चुके हैं कि नई दिल्ली रूस से सस्ता तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को फंड कर रही है।उनके अनुसार भारत के इस रवैये से वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरा है और भारत को अब अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। India Russia Oil Deal | vladimir putin | Tariff | donald trump on tariff