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8th Pay Commission: नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, आठवें वेतन आयोग को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। अभी केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी नहीं दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग के बारे में विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।

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Aditya Pujan
Pay Commission

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क

साल 2025 की शुरुआत के साथ केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को अच्छी खबर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी हैष केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है ताकि इसकी सिफारिशें आने के बाद इसे अगले साल यानी 2026 से लागू किया जा सके। वैष्णव ने कहा कि यह कैबिनेट का फैसला नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री ने आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।

10 साल में गठित होता है वेतन आयोग

सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा। देश में इस समय करीब 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर हैं। वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही कर्मचारियों के वेतन में इजाफा होता है। अगले वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होनी चाहिए। इससे कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा। इसमें कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) शामिल है। आमतौर पर हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है।

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1946 में बना पहला वेतन आयोग

बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देने के लिए हर दस साल पर वेतन आयोग गठित किया जाता है। पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में बनाया गया था। दूसरा वेतन आयोग अगस्त 1957 में बना था और इससे सरकारी खजाने पर 40 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था। तीसरा वेतन आयोग अप्रैल 1970 में बना था जिससे सरकार पर 144 करोड़ का बोझ पड़ा था। चौथा वेतन आयोग जून 1983 में गठित किया गया था और इससे 1282 करोड़ का वित्तीय बोझ पड़ा था। पांचवां वेतन आयोग अप्रैल 1994 में बना था। इससे सरकारी खजाने पर 17000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था। छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 में बनाया गया था और इससे सरकार को 40000 करोड़ रुपये का बोझ वहन करना पड़ा था। सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित किया गया था जिसकी सिफारिशें 2106 में लागू हुई थीं। इससे सरकारी खजाने पर 114000 करोड़ को बोझ पड़ा था। अब सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है। वैष्णव ने कहा कि आयोग के बारे में विस्तृत डिटेल बाद में दी जाएगी।

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