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Modi-Trump की टेलीकॉन्फ्रेंस...संघर्ष विराम पर छिड़ा सियासी संग्रााम, विपक्षी नेताओं ने बोला जुबानी हमला

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत में स्पष्ट किया कि भारत कभी किसी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। दरअसल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर लंबी बाचतीच की है। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी ने ट्रंप को साफ कहा है कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकारी है और न कभी स्वीकारेगा। इसे लेकर देश का सियासी पारा हाई हो गया है और विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला है। 

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ट्रंप को कहना चाहिए कि शब्द वापस लेते हैं

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा, "मोदी के लोग यह कह रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप को इसके बारे में ट्वीट करना चाहिए और कहना चाहिए कि मैंने कहा है कि मैंने मध्यस्थता कराई है यह गलत है मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। यह ट्रंप को कहना चाहिए अब पीएम मोदी जो कहेंगे, उस पर कौन विश्वास करेगा?"

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RJD सांसद मनोज झा का तंज

विदेश सचिव विक्रम मिसरी के बयान पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, "मैं अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा करता। लेकिन अब बात बहुत आगे बढ़ गई है। डोनाल्ड ट्रंप 14-15 बयान दे चुके हैं। एक तरफ विदेश सचिव मिस्री ने वीडियो बयान जारी किया और दूसरी तरफ मैं व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग देख रहा हूं। दोनों के बीच समन्वय की कमी है। इसलिए हम बार-बार कहते हैं कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। कल आप सत्ता में रहें या न रहें, लेकिन देश की एक आवाज अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंचनी चाहिए। वह भारत और पाकिस्तान के लिए 'हाइफनेशन' का इस्तेमाल करते हैं। हम ऐतिहासिक और समकालीन समय में इसके लिए नहीं बने हैं। बहुत सी चीजों पर हमारा रुख अडिग रहा है। मुझे लगता है कि वैश्विक स्तर पर इस तरह की कवायद की जरूरत है, सिर्फ घरेलू हेडलाइन मैनेजमेंट हमारी प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए।"

ट्रंप से जो बातें हुईं, वही संसद में करो

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कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने निशाना साधते हुए कहा, "10 मई से लेकर अब तक 14 बार राष्ट्रपति ट्रंप दावा कर रहे हैं कि उन्होंने युद्ध विराम में मध्यस्थता की, उन्होंने व्यापार को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया, उन्होंने पाकिस्तान और भारत को एक साथ रखा, पीएम चुप रहे। इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। आज हमें बताया गया है कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ 35 मिनट तक फोन पर बात की और उन्होंने विदेश सचिव ने जो बातें कही हैं, उनमें से कई बातें संसद में भी कहिए। संसद का विशेष सत्र बुलाइए। कल सर्वदलीय बैठक बुलाइए और वही बातें कहिए जो आपने राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर कही हैं। हम संसद में बहस चाहते हैं, हम रचनात्मक बहस चाहते हैं, हम सर्वदलीय बैठक चाहते हैं। हम एकता और एकजुटता दिखाना चाहते हैं।"

मुनीर को ट्रंप का निमंत्रण, मोदी को झटका

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "आज फील्ड मार्शल असीम मुनीर को व्हाइट हाउस से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का निमंत्रण मिला है। असीम मुनीर ने जो भड़काऊ बात कही थी, उसका संबंध सीधा पहलगाम में हुए आतंकी हमले से था। मैं समझता हूं कि व्हाइट हाउस में ऐसे व्यक्ति को भोजन के लिए आमंत्रित करना हमारी कूटनीति और प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। 

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कांग्रेस ने झूठ फैलाया था...

वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आज प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जो लंबी बातचीत हुई, उसमें कई बातें सामने निकलकर आई हैं। कांग्रेस ने भारतीय सेना के विरोध में कई झूठ फैलाए थे। कांग्रेस ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर भारत ने संघर्ष विराम किया था लेकिन इनके सांसद सलमान खुर्शीद, शशि थरूर और मनीष तिवारी ने भी कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत किसी अन्य देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। 

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