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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद गहरा गया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा और कई गैर-सरकारी संगठनों ने निर्वाचन आयोग के आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। दूसरी ओर, निर्वाचन आयोग (ईसी) ने स्पष्ट किया है कि पुनरीक्षण प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। निर्वाचन आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह बयान विपक्षी नेताओं और नागरिक समाज के बढ़ते दबाव के बाद आया है।
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विवाद की शुरुआत और याचिकाएं
चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि यह आदेश आगामी विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं को वोट देने से रोकने की साजिश है और इसका अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि यह आदेश संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 का उल्लंघन करता है। मनोज झा ने कहा कि यह आदेश अनुच्छेद 14, 21, 325 और 326 का उल्लंघन करता है और खास तौर पर मुस्लिम, दलित और गरीब प्रवासी समुदायों को निशाना बनाता है। झा के अनुसार, यह मताधिकार से वंचित करने का एक तरीका है। इसके अलावा, पीयूसीएल, एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स- ADR और कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी इस निर्देश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है।
कांग्रेस और विपक्ष का रुख
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "विपक्ष, जनता और नागरिक समाज के दबाव के बाद निर्वाचन आयोग ने स्पष्टीकरण दिया कि अब सिर्फ फॉर्म भरना होगा, कागज दिखाने की जरूरत नहीं है।" उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, "जब जनता का विरोध बढ़ता है, तो भाजपा चालाकी से पीछे हट जाती है।" कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दल 2003 के बाद मतदाता सूची में शामिल लोगों से जन्म से संबंधित दस्तावेज मांगने के प्रावधान का विरोध कर रहे हैं।
बचाव में आई भाजपा- शाहनवाज बोले
भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मतदाता सत्यापन प्रक्रिया का बचाव करते हुए कहा, "चुनाव से पहले मतदाता सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया थी। मनोज झा और महुआ मोइत्रा के कोर्ट जाने से क्या बदलाव आएगा? यह प्रक्रिया लागू करने से केवल वैध मतदाता ही बचेंगे।" उन्होंने राजद और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे खास तौर पर मुस्लिम मतदाताओं में भ्रम फैला रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं कि उनके वोट रद्द हो जाएंगे। हुसैन ने कहा, "बिहार के मतदाताओं में कोई भ्रम नहीं है, डरने की कोई बात नहीं।"
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