Advertisment

धनखड़ के इस्तीफे से BJP की चुनौती डबल, पार्टी अध्यक्ष के लिए भी तलाश तेज

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद भाजपा को अब नए उपराष्ट्रपति और पार्टी अध्यक्ष के लिए जातीय और राजनीतिक समीकरणों के तहत दो मजबूत नामों की तलाश है। संघ और भाजपा के बीच सहमति की कोशिशें जारी हैं। 

author-image
Dhiraj Dhillon
BJP

Photograph: (x)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने एक साथ दो बड़े मोर्चे खुल गए हैं। दरअसल, पार्टी पहले ही अध्यक्ष के चुनाव की जद्दोजहद में लगी थी, जो 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों ने मुश्किल बना दिया है। अब उपराष्ट्रपति का चुनाव भी भाजपा के लिए चुनौती साबित हो रहा है।सूत्रों के अनुसार, पार्टी अगस्त के अंत तक दोनों पदों के लिए नाम फाइनल करना चाहती है। लेकिन इस प्रक्रिया में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच विचार-मंथन और सहमति की प्रक्रिया कुछ देर से आगे बढ़ रही है। उपराष्ट्रपति पद और पार्टी अध्यक्ष दोनों ही पद 2024 के बाद के सियासी समीकरणों को तय करेंगे। 

जातीय संतुलन अहम फैक्टर

खबर है कि भाजपा इन दोनों पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन राजनीतिक और जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए कर रही है। यदि उपराष्ट्रपति के लिए उच्च जाति से किसी नेता को चुना जाता है, तो पार्टी अध्यक्ष पद के लिए ओबीसी या दलित नेता को तरजीह दी जा सकती है।2022 में भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए चुना था, जो देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं। वहीं, जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाकर भाजपा ने जाट- किसानों को संदेश देने की कोशिश की थी, जो कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत थे। यही कारण है कि 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी की दुर्गति होने के बाद भी भाजपा सूबे के अध्यक्ष को नहीं हिला पाई, इस मामले में उत्तर प्रदेश अभी भी पार्टी के ल‌िए बड़ी टास्क बना हुआ है। टेलीग्राफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर संघ और पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। संघ एक ऐसा अध्यक्ष चाहता है जो संगठन में गहराई से काम कर चुका हो और मजबूत नेतृत्व क्षमता रखता हो।

मोदी कर सकते हैं हस्तक्षेप

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से इस गतिरोध को दूर करने के लिए आरएसएस नेतृत्व से संवाद कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चर्चा के दौरान ही प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष पद के लिए भी विचार रख सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा ने दो ओबीसी मंत्रियों, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के नाम आगे बढ़ाए हैं। हालांकि, संघ की ओर से अभी तक किसी नाम पर स्पष्ट सहमति नहीं मिली है। उपराष्ट्रपति पद के लिए नाम तय करने से पहले भाजपा एनडीए के अन्य सहयोगी दलों से चर्चा करेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह एक रणनीतिक फैसला होगा, जो आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। bjp | jagdeep dhakhar resign | nda|
bjp nda RSS jagdeep dhakhar resign
Advertisment
Advertisment