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नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई को जल्द नया अध्यक्ष (BJP President) मिलेगा। संभावित छह नाम पार्टी हाईकमान को भेजे गए हैं। इनमें 2 ब्राह्मण, 2 पिछड़ा वर्ग और 2 दलित वर्ग से आने वाले नेता हैं। छह नेता पुरुष हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। यहां 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य अध्यक्ष का चयन पार्टी के लिए अहम निर्णय माना जा रहा। पार्टी का लक्ष्य लोकसभा चुनाव 2024 में मिली हार की भरपाई करना और 2027 में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होना है।
25 से अधिक इकाइयों के अध्यक्ष घोषित
अब तक भाजपा 37 में से 25 से अधिक इकाइयों के अध्यक्ष घोषित कर चुकी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की तैयारी भी चल रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा भी हो सकती है। नए प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की जगह लेंगे। भूपेंद्र सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं।
छह नाम राष्ट्रीय नेतृत्व के पास गया
ब्राह्मण जाति से प्रमुख दावेदार
दिनेश शर्मा: पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षाविद् हैं। इनकी साफ-सुथरी छवि है। संगठन में गहरी पकड़ हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और शीर्ष नेतृत्व में अच्छी साख है।
हरीश द्विवेदी: बस्ती से सांसद रहे चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं। युवा और ऊर्जावान चेहरा होने के साथ संसदीय अनुभव भी रखते हैं।
OBC वर्ग से
धर्मपाल सिंह:यूपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं। लोध समुदाय के हैं। इनके पास वर्षों का विधायी और मंत्री पद का अनुभव है।
बीएल वर्मा: केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरा जुड़ाव, अनुशासनप्रियता और संगठनात्मक समझ रखते हैं।
दलित वर्ग से
राम शंकर कठेरिया: केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। दलित चेतना और हिंदुत्व के आक्रामक प्रवक्ता माने जाते हैं।
विद्यासागर सोनकर: वर्तमान में विधान परिषद सदस्य (MLC) हैं। पूर्वांचल में मजबूत पकड़ है। पार्टी के पुराने, वफादार कार्यकर्ताओं में गिनती है।
दो हफ्तों में फाइनल लिस्ट जारी होगा
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हमने केंद्रीय नेतृत्व को उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के लिए योग्य नाम सुझाए हैं। उन नामों पर गंभीरता से विचार हो रहा। दो हफ्तों के भीतर या उससे पहले नए अध्यक्ष का नाम घोषित हो सकता है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने हाल में बयान दिया था कि हाईकमान को अपनी राय दी है। अब फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। हमें उम्मीद है कि यह जल्द घोषित कर दिया जाएगा।
चयन क्या महत्व?
उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष केवल संगठनात्मक पद नहीं, बल्कि आगामी राजनीतिक रणनीति का प्रमुख चेहरा होता है। 2027 के चुनाव में पार्टी को बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करना है। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी में नुकसान उठाना पड़ा था। 80 जीती सीटों में से 33 सीटें ही जीत सकी। नए अध्यक्ष का चयन जातीय संतुलन, संगठनात्मक क्षमता, क्षेत्रीय प्रभाव और संघ से निकटता को ध्यान में रखते हुए होगागा।
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