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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 7 अगस्त को राहुल गांधी की प्रेस वार्ता के कुछ ही मिनटों में उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया और हलफनामा मांगा गया। वहीं, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को 24 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया। पवन खेड़ा ने कहा कि महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े जुटाने में कांग्रेस को छह महीने लगे, क्योंकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं दी गई। इसके विपरीत, अनुराग ठाकुर को मात्र छह दिन में छह लोकसभा सीटों के आंकड़े उपलब्ध हो गए।
जानिए कांग्रेस ने क्या सवाल उठाए
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि आखिर अनुराग ठाकुर को इतने जल्दी आंकड़े कैसे मिल गए? जब चुनाव आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट है, तो कांग्रेस को क्यों नहीं दी जाती? कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर जनता और विपक्ष को यह डेटा नहीं देना चाहता। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर द्वारा पेश किए गए दस्तावेज "आपराधिक सबूत" हैं और इन्हें कांग्रेस को भी सौंपा जाए। पवन खेड़ा ने यह भी दावा किया है कि यह मामला भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत को साबित करता है। पवन खेड़ा ने यह भी दावा किया है कि अब यह साफ हो चुका है कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षत नहीं है और भाजपा चुनाव आयोग के लिए प्रवक्ता के तौर पर काम कर रही है।
7 अगस्त को जब राहुल गांधी जी प्रेस वार्ता कर रहे थे, तो महज कुछ ही देर में चुनाव आयोग का नोटिस आ गया। नोटिस में उनसे हलफनामा मांगा गया।
— Congress (@INCIndia) August 14, 2025
अनुराग ठाकुर को प्रेस कॉन्फ्रेंस किए 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं आया।
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अनुराग ठाकुर ने प्रेसवार्ता में क्या कहा था
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर प्रियंका गांधी की लोकसभा सीट वायनाड और सपा मुखिया अखिलेश यादव की लोकसभा सीट कन्नौज के आंकड़े जारी कर वहां फर्जी वोट होने के आरोप लगाए थे। इस पर कांग्रेस ने कहा था- उन्होंने हमारी बात साबित कर दी है। अनुराग ठाकुर और भाजपा चुनाव आयोग पर वही सवाल उठा रहे हैं जो हमने उठाए थे। हमें एक विधानसभा क्षेत्र का यह आकड़ा सामने लाने में 4-6 महीने लग गए। उन्होंने छह संसदीय क्षेत्रों का आंकड़ा सामने रखा है। उन्हें यह कैसे मिला? इससे साबित होता है कि उनकी चुनाव आयोग से सांठगांठ है। अनुराग ठाकुर ने दावा किया था कि साल 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के साथ मिलकर भारत के संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर को जानबूझकर हराया था। अनुराग ठाकुर के अनुसार अगर रिकॉर्ड चेक करें तो 1952 के चुनाव में 74,333 वोट खारिज किए गए, जबकि डॉ. आंबेडकर मात्र 14,561 वोटों से हारे थे। यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसके तहत कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को हराने के लिए तिकड़म अपनाई।
“खुलासे के बाद सदमे में हैं भाजपा नेता”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि 7 अगस्त को नेता प्रति पक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी का सच सामने रख दिया। इस खुलासे के बाद भाजपा के नेता छह दिन तक सदमे में रहे और फिर अनुराग ठाकुर को प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भेजा। लेकिन उनकी इस कार्रवाई से चुनाव आयोग की भूमिका पर और गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। भाजपा ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में छह लोकसभा क्षेत्रों के आंकड़े पेश करते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि वहां भी फर्जी वोटर मौजूद हैं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है। हैरानी की बात है कि अब तक भाजपा को वोट चोरी से कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन अचानक से इसमें उनकी दिलचस्पी बढ़ गई।
7 अगस्त को सबने देखा कि नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi ने वोट चोरी का सच उजागर कर दिया।
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इस खुलासे से BJP के लोग 6 दिन तक सदमे में रहे, फिर अनुराग ठाकुर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने भेजा, लेकिन उनके इस कदम से चुनाव आयोग की भूमिका और संगीन हो गई है।
BJP ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 6… pic.twitter.com/joDeUJKlOy
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